Last Updated: Monday, September 2, 2013, 16:01
इस्लामाबाद : प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पंजाबी तालिबान के बर्खास्त प्रमुख अस्मतुल्लाह मुआविया के उत्तरी वजीरिस्तान एजेंसी के मिरानशाह उपनगर स्थित घर पर हमला बोला। मीडिया की एक खबर के अनुसार, इस हमले को हत्या की कोशिश बताया जा रहा है। टीटीपी ने हाल ही में मुआविया को सरकार की ओर से शांति वार्ता का प्रस्ताव स्वीकार कर लेने और प्रमुख संस्था के फैसले को न मानने की सजा देते हुए बख्रास्त कर दिया था।
मुआविया ने कहा था कि पंजाबी तालिबान की अपनी अलग शूरा (निर्णय लेने वाली परिषद) है और टीटीपी को उसे हटाने का कोई अधिकार नहीं है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खुफिया अधिकारियों के हवाले से बताया कि एक खुफिया एजेंसी ने मुआविया की खोज और कथित हत्या की योजना में शामिल लोगों के फोन कॉल पकड़े। वार्ता का प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद मुआविया ने कहा था कि सरकार और आतंकियों के बीच हुए समझौतों से शांति के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया कि मुआविया द्वारा सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिए जाने के बाद टीटीपी नेतृत्व ने मुआविया से इस बारे में बात करने के लिए संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
टीटीपी के प्रवक्ता के अनुसार, मुआविया को हटाने का फैसला टीटीपी के प्रमुख हकीमुल्लाह महसूद की अध्यक्षता में एक अज्ञात स्थान पर हुई बैठक में लिया गया। इस बैठक में सभी आतंकियों को निर्देश दिए गए कि वे मुआविया से संपर्क न करें। अखबार ने अधिकारियों का नाम छापे बिना उनके हवाले से बताया कि इस बैठक के बाद टीटीपी आतंकियों ने केंद्रीय कार्यालय, आवास और मुआविया के अन्य ठिकानों पर हमला किया लेकिन वह पहले ही किसी अज्ञात स्थान पर जा चुका था।
मुआविया पर पंजाब (मुख्यत: दक्षिणी प्रांत) में टीटीपी की नियुक्ति संबंधी गतिविधियों का मुख्य एजेंट रहे होने का संदेह है। उसपर पंजाब में कपड़ा मिलों से रसायन टीटीपी को उपलब्ध कराने का आरोप है। इन रसायनों का इस्तेमाल सितंबर 2008 में इस्लामाबाद के मेरीयट होटल में विस्फोट करने में किया गया। नवाज शरीफ सरकार ने पाकिस्तानी तालिबान के साथ बातचीत की इच्छा जताई है लेकिन प्रतिबंधित समूह का कहना है कि शूरा का इस पर विचार करना अभी बाकी है। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 2, 2013, 16:01