Last Updated: Friday, May 10, 2013, 18:07

वाशिंगटन : तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगेय ने कहा है कि भारत और चीन के आमने-सामने आने की घटनाएं बढ़ रही हैं क्योंकि दोनों के बीच तिब्बत अब ‘बफर जोन’ के रूप में नहीं रहा।
भारत के लिए रणनीतिक हिमालयी क्षेत्र के महत्व का उल्लेख करते हुए सांगेय ने कहा, ‘1940 और 1930 के दशक में कभी घुसपैठ नहीं होती थी क्योंकि भारत और चीन एक दूसरे से सटे नहीं थे। तिब्बत ने हमेशा से बफर जोन के रूप में काम किया। अब दोनों देशों आमने-सामने आ रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश आमने-सामने आ रहे हैं क्योंकि तिब्बत अब बफर जोन नहीं रहा।’ तिब्बती प्रधानमंत्री ने कहा कि भूराजनीतिक रूप से तिब्बत बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने चीन के सैनिकों की ओर से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ का हवाला दिया।
सांगेय ने वाशिंगटन में कहा कि तिब्बती मुद्दे का समाधान नहीं होने के कारण भारत और चीन के बीच तिब्बत बफर जोन नहीं रहा। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 10, 2013, 18:07