Last Updated: Wednesday, May 16, 2012, 17:30
बीजिंग : तिब्बत के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि चीन दलाई लामा के प्रतिनिधियों एवं भारत में रहने वाले तिब्बतियों के भविष्य के बारे में बातचीत को लेकर इच्छुक है, लेकिन देश की एकता और तिब्बत के भविष्य पर कोई बातचीत नहीं हो सकती।
तिब्बत से नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के प्रमुख किआंगबा पनकोग ने दलाई लामा पर तिब्बत में अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर आध्यात्मिक गुरु अलगाववाद को बढ़ावा देना और भिक्षुओं को आत्मदाह के लिए उकसाना जारी रखते हैं तो किसी तरह की बातचीत संभव नहीं है।
चीन दलाई लामा को भिक्षुओं के आत्मदाह के लिए जिम्मेदार ठहराता है। एक साल के समय में कम से कम 34 बौद्ध भिक्षु विरोधस्वरूप खुद को आग लगा चुके हैं। पनकोग ने कहा कि दलाई लामा के प्रतिनिधि चीन से तिब्बत को अलग करने और बड़ा तिब्बती क्षेत्र बनाने की बात पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में चीन बातचीत के लिए तैयार नहीं है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 16, 2012, 23:00