'दलाई लामा की हत्या की साजिश नहीं' - Zee News हिंदी

'दलाई लामा की हत्या की साजिश नहीं'



बीजिंग : चीन ने दलाई लामा के इस आरोप का खंडन करते हुए कि वह उनकी हत्या के लिये महिला एजेंटों को प्रशिक्षित कर रहा है आज आरोप लगाया कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरू इस साल नये नेतृत्व के लिये कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक से पहले ‘कपटपूर्ण चाल’ चल रहे हैं और ‘अलगाववादी गतिविधि’ में लगे हैं।

 

सरकारी दैनिक ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा, अगर केन्द्रीय सरकार दलाईलामा को मिटाना चाहती थी तो इतनी देरी क्यों की? इस बुढ़ापे में दलाई के खिलाफ कदम उठाना क्या मूखर्ता नहीं होगी? उसने लिखा, कुछ का मानना है कि वह कपटपूर्ण चाल चल रहे हैं। वह अपने दावे को भविष्य में किसी बीमारी के बहाने के लिये इस्तेमाल कर सकते हैं। वह अगर सामान्य बीमारी से भी मरते हें तो अटकलें लगेंगी कि उन्हें जहर दिया गया।

 

अखबार ने लिखा, दलाई लामा के इस दावे में कोई विश्वसनीयता नहीं है। इसलिये ही नहीं कि उन्हें जहर देकर चीनी एजेंटो को कोई नही लाभ होगा बल्कि इस तथ्य के कारण भी कि पीपुल्स रिपब्लिक चायना की स्थापना के बाद से देश ने निर्वासित जीवन बीता रहे किसी व्यक्ति की हत्या नहीं की। चीन दलाई के लिये अपने सिद्धान्त नहीं बदलेगा।

 

दैनिक ने लिखा, बजाय इसके दलाई अपने देश को धोखा देने के बाद सक्रिय हैं। वे दुनियाभर में घूमते हैं और तिब्बती क्षेत्र में हिंसक गतिविधियां भड़काने के लिये उन्हें कोई दंड नहीं मिला। यह चीन की स्थायी राजनीतिक संस्कृति का परिणाम है। अगर यह देश अमेरिका इस्राइल रूस अथवा तुर्की होता तो वह ऐसा शांत जीवन नहीं जी पाते।

 

उसने कहा, दलाई लामा आदर्श धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं जैसा वह पश्चिमी जनता के सामने पेश करने का बहाना करते हैं। दलाई को जीने दो। उनका अस्तित्व चीन के लिये संकट नहीं है। वह एक समस्या हैं लेकिन चीन उसकी अनदेखी कर सकता है। सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चायना के टेबलायड अखबार ने भी मुख पृष्ठ पर दलाई लामा के बारे में लिखा कि चीन पर हत्या की साजिश का आरोप लगाकर वह इस साल होने वाले सीपीसी के 18 वें राष्ट्रीय कांग्रेस से पहले अधिक अलगावावादी गतिविधियों की साजिश रच सकते हैं।

 

चीन के मिन्जू विश्वविद्यालय में जातीय सिद्धान्त और नीति के प्रोफेसर शियांग कुनशिन ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि दलाई लामा के शब्दों का मकसद चीन की छवि खराब करना और अपने निर्वासन की ओर ध्यान आकषिर्त करना है।  (एजेंसी)

 

First Published: Tuesday, May 15, 2012, 00:22

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