Last Updated: Saturday, January 14, 2012, 16:40
ताइपे : चीन के समर्थक ताइवान के राष्ट्रपति मा यिंग जियोउ ने फिर राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया जिससे देश की चीन समर्थक नीतियों की निरंतरता का मार्ग प्रशस्त हुआ। हालांकि उनकी जीत से कुछ लोगों में देश की वास्तविक स्वतंत्रता को लेकर चिंता घर कर गई है।
अब तक हुई 99 फीसदी मतों की गणना के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा कि राष्ट्रपति मा यिंग जियोउ ने 51.6 फीसदी वोट हासिल किए हैं जबकि विपक्षी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की उम्मीदवार साई इंग वेन ने 45.6 फीसदी मत हासिल किए हैं। एक अन्य उम्मीदवार और कभी मा की नेशनलिस्ट पार्टी में कद्दावर नेता रहे जेम्स सूंग को महज 2.8 फीसदी ही वोट मिले। नेशनलिस्ट पार्टी ने 113 सदस्यीय विधायका में भी अपना नियंत्रण कायम रखा है, हालांकि उसकी सीटें घट गई है।
अपनी जीत के बाद मा ने ताइपे में हजारों लोगों की भीड़ में कहा, ‘उन्होंने (मतदाताओं ने) मुख्य भूमि (चीन) के साथ मतभेद दूर रखने, शांति ढूंढने तथा उसे कारोबार के अवसर के रूप में बदलने की नीति पर हमारा समर्थन किया।’ मई, 2008 में ही राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद मा ने ताइवान को चीन के करीब लाया जो पिछले 60 साल तक उसके लिए सैन्य खतरा और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहा लेकिन अब उसका वाणिज्यिक सहयोगी बन गया। ऐसा अनुमान है कि ताइवान के 1.81 करोड़ मतदाताओं में से करीब 80 फीसदी ने मतदान में हिस्सा लिया था।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, January 14, 2012, 23:39