Last Updated: Tuesday, March 13, 2012, 13:19
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार ने कहा है कि आईएसआई के नए प्रमुख जहीरुल इस्लाम खुफिया एजेंसी को लेकर अपनी नीतियों के बारे में देश के शीर्ष नेतृत्व को जानकारी देंगे।
मुख्तार की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की पृष्ठभूमि के खिलाफ है, जिसमें कहा गया है कि वर्ष 1990 के आम चुनाव से पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को सत्ता में आने से रोकने के लिए आईएसआई नेताओं को धन मुहैया कराता था।
बैंकर युनुस हाबिद ने अदालत में गवाही दी है कि उन्होंने सेना के लिए 1.48 अरब रुपए की व्यवस्था की थी, जिसमें से 40 करोड़ रुपए पीपीपी के खिलाफ नेताओं के बीच वितरित किया गया था। पंजाब प्रांत में अपने गृहनगर गुजरात में संवाददाताओं से सोमवार को बातचीत के दौरान मुख्तार ने कहा कि प्रस्तावित 18 मार्च को पदभार ग्रहण करने वाले नए आईएसआई प्रमुख राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को खुफिया एजेंसी की नीतियों और आवश्यकताओं के बारे में अवगत कराएंगे।
मुख्तार ने कहा कि अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर आईएसआई प्रमुख द्वारा किसी भी प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री विचार करेंगे। ‘मेहरान बैंक स्कैंडल’ के नाम से चर्चित रहे आईएसआई द्वारा 1990 में नेताओं के बीच धन बांटने से जुड़े इस मामले का हवाला देते हुए मुख्तार ने कहा कि इसमें शामिल सभी लोगों खासकर जिन लोगों को धन मिला उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेहरान बैंक स्कैंडल साबित करता है कि पीएमएल-एन को पैसा मिला था। मुख्तार ने कहा कि यह विडंबना ही है कि पीएमएल-एन जिसने आईएसआई से कथित तौर पर पैसा प्राप्त किया, अब आसिफ अली जरदारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 13, 2012, 18:49