Last Updated: Thursday, November 15, 2012, 20:23
बीजिंग : चीन में सत्तारुढ़ दल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में शी चिनफिंग की अगुवाई में पांचवीं पीढ़ी के नेतृत्व को नियुक्त करने के साथ ही इस माह भारत-चीन के बीच उच्च स्तरीय संबंध बहाल होने हैं। यह संबंध सामारिक आर्थिक वार्ता के जरिए बहाल होंगे और इसके बाद यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन की यात्रा होने की संभावना है।
नेतृत्व परिवर्तन के बाद पहली मुलाकात योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया और उनके चीनी समकक्ष एवं चीन के राष्ट्रीय विकास सुधार आयोग के प्रमुख झांग पिंग के साथ 26 नवंबर को होगी। दोनों के बीच होने वाली बैठक के बारे में माना जा रहा है कि यह सामारिक आर्थिक वार्ता में शामिल मुद्दों से परे जा सकती है तथा बीजिंग में हुए नेतृत्व बदलाव की रोशनी में द्विपक्षीय संबंधों पर केन्द्रित हो सकती है। सामरिक आर्थिक वार्ता के बाद मेनन की यात्रा की संभावना है। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
यहां के अधिकारी मेनन की संभावित यात्रा के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। मेनन पूर्व में चीन में भारतीय राजदूत रह चुके हैं और चीनी नेतृत्व उनका काफी सम्मान करता है। उनकी यात्रा से संबंधों में नई गति आ सकती है। सीमा के मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष प्रतिनिधि वार्ता में मेनन के समकक्ष दाई बिंगगुओ भी सेवानिवृत्त होने वाले हैं क्योंकि राष्ट्रपति हू जिन्ताओ और प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के नेतृत्व वाला प्रशासन अगले साल मार्च तक पद छोड़ देगा।
71 वर्षीय दाई स्टेट काउंसिलर के पद पर है। वह एकमात्र ऐसे चीनी राजनयिक हैं जिन्होंने 2003 से भारत में सत्ता में रही विभिन्न सरकारों के साथ बातचीत की है। दाई का स्थान कौन लेगा, इस बात को लेकर अटकलें जारी हैं। मौजूदा विदेश मंत्री यांग जेएची इस दौड़ में शामिल माने जा रहे हैं। दिलचस्प है कि शी और दूसरे सबसे बड़े नेता ली क्विंग जो वेन जियाबाओ का स्थान लेंगे, ने हाल के सालों में भारत की यात्रा नहीं की है। हालांकि वे निर्वतमान नेतृत्व की उच्चाधिकार प्राप्त स्थायी समिति के सदस्य हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 15, 2012, 20:23