Last Updated: Sunday, May 12, 2013, 20:05

इस्लामाबाद/लाहौर : पाकिस्तान के आम चुनाव में पीएमएल-एन के कदम शानदार जीत की ओर बढ़ने के साथ ही पार्टी प्रमुख नवाज शरीफ के तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने की संभावना बढ़ गयी है। दूसरी ओर भारत ने चुनाव परिणाम और नवाज शरीफ को मिली जीत का स्वागत किया है।
आम चुनाव के प्रचार के दौरान 63 वर्षीय शरीफ ने वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के कारण रुकी भारत-पाकिस्तान शांति वार्ता को फिर से शुरू करने की शपथ ली थी। वर्ष 1999 में तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैन्य तख्तापलट कर नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया था।
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में नवाज शरीफ ने दोनों देशों के बीच शांति वार्ता की शुरुआत की थी। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चुनाव में नवाज शरीफ को मिली ‘शानदार जीत’ पर उन्हें बधाई दी।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पाकिस्तान चुनाव परिणाम का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की है कि शरीफ के नेतृत्व में भारत के साथ उसके (पाकिस्तान के) अच्छे संबंध बरकरार रहेंगे।
फिलहाल मतगणना का काम धीमी गति से चल रहा है लेकिन रुझान से पता चलता है कि शरीफ की पार्टी को पूर्ण बहुमत से थोड़ी ही कम सीटें मिलेंगी और उनकी पार्टी पीएमएल-एन निर्दलीय और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम जैसी छोटी दक्षिणपंथी पार्टियों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने में कामयाब रहेगी। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फिलहाल 11 सीटों पर आगे चल रही है।
संसद की 272 सीटों पर हुए चुनाव में से 264 सीटों पर मिले रूझानों से पता चलता है कि पीएमएल 125 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है। शरीफ की पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 137 सीटों की जरूरत है।
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ महज 34 सीटों पर आगे चल रही है। वर्ष 2008 में हुए चुनाव के दौरान 124 सीटों पर जीत हासिल कर पांच वर्ष तक देश का सरकार चलाने वाली सत्तारूढ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) महज 32 सीटों पर आगे चल रही है। पीपीपी, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट और आवामी नेशनल पार्टी के गठबंधन वाली सरकार पाकिस्तान के इतिहास में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाली पहली सरकार है। देश के इतिहास में पहली बार कल हुए मतदान के बाद लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है। इससे पहले तक हर बार सैन्य तख्ता पलट से ही सत्ता परिवर्तन होता था।
शरीफ ऐसे समय में सत्ता में वापसी कर रहे हैं जब पाकिस्तान कई समस्याओं का सामना कर रहा है जिनमें बढ़ता चमरपंथ, देश के पश्चिमोत्तर हिस्से में तालिबान की बढ़ती मजबूती, चारों तरफ फैला भ्रष्टाचार, युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से विदेशी बलों की वापसी से पूर्व अमेरिका के साथ तनावपूर्ण रिश्ते और एक ऐसी अर्थव्यवस्था शामिल है जिसमें पिछले कई सालों से गिरावट का दौर जारी है।
शरीफ इससे पहले वर्ष 1990-1993 और 1997-1999 तक प्रधानमंत्री रह चुके हैं लेकिन पहली बार उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा तथा दूसरी बार मुशर्रफ के नेतृत्व में सैन्य तख्ता पलट के कारण वह अपना कार्यकाल पूरा न कर सके।
तालिबान की धमकियों और बम हमलों में करीब 50 लोगों की जान जाने के बावजूद पाकिस्तान के लोगों ने देश के पहले लोकतांत्रिक सत्ता परिवर्तन में अपनी भागीदारी निभाते हुए बड़ी संख्या में मतदान किया और अब इस चुनाव में जीत हासिल कर नवाज शरीफ तीसरी बाद देश के प्रधानमंत्री बनने की ओर बढ़ रहे हैं।
शरीफ ने कल देर रात गृहनगर लाहौर में अपने उत्साहित समर्थकों को संबोधित करते हुए अपनी पार्टी की जीत का दावा किया और लोगों से कहा कि वह उनकी पार्टी को ‘पूर्ण बहुमत’ मिलने की दुआ करें ताकि उन्हें एक कमजोर गठबंधन का नेतृत्व ना करना पड़े। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 12, 2013, 20:05