Last Updated: Sunday, November 27, 2011, 07:31
वाशिंगटन : पाक-अफगान सीमा पर नाटो के हमले में 28 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने से पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों पर मंडराते संकट के बीच अमेरिका ने कहा है कि वह इस घटनाक्रम के ब्योरे पर निगाह रखे हुए है और इसकी जांच का पूरी तरह से समर्थन करता है।
अमेरिकी विदेश और रक्षा विभाग ने एक संयुक्त बयान में कहा कि विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा पाकिस्तान की सीमा पर हुई इस घटना के बाद की स्थिति पर निगाह रखे हुए हैं। बयान में कहा गया है, ‘दोनों लोगों ने सैनिकों की मौत होने पर गहरी संवेदना प्रकट की और इस घटना की जांच कराने के नाटो के इरादे का पूरी तरह से समर्थन किया है।’
पाकिस्तान की सीमा पर स्थित दो चौकियां पर नाटो हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमानों के हमले के बाद इस्लामाबाद ने नाटो को रसद की अहम आपूर्ति रोक दी और अमेरिका से कहा कि वह उसके देश में मौजूद शम्शी वायु सेना ठिकाने को बंद कर दे, सीआईए इस ठिकाने का इस्तेमाल कथित तौर पर ड्रोन हमले के लिए किया करता है। हिलेरी, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन मार्टिन डेम्पसे और अफगानिस्तान में अमेरिका एवं नाटो बलों के कमांडर जनरल जॉन एलेन ने भी इस घटना के बाद अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ बात की। उधर, विश्लेषकों ने यहां कहा है कि इस घटना से दोनों देशों के बीच संबंधों में पड़े दरार के और बढ़ने की उम्मीद है।
पाकिस्तान के ऐबटाबाद में दो मई को अमेरिकी सैन्य कार्रवाई में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद दोनों देशों बीच द्विपक्षीय संबंध पहले से तल्ख हैं।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, November 27, 2011, 13:01