नार्वे बाल शोषण विवाद: भारतीय दंपति जेल भेजे गए,Norway child row, Indian couple, prison

नार्वे बाल शोषण विवाद: पिता को 18 महीने और माता को 15 महीने की सजा

नार्वे बाल शोषण विवाद: पिता को 18 महीने और माता को 15 महीने की सजाओस्लो : भारतीय सॉफ्टवेयर पेशेवर और उनकी पत्नी को ‘गंभीर बाल शोषण (दुर्व्यवहार)’ का दोषी ठहराते हुए दोनों को क्रमश: 18 माह और 15 माह कैद की सजा सुनायी गई है। आंध्रप्रदेश के सॉफ्टवेयर पेशेवर चन्द्रशेखर वल्लभनेनी और उनकी पत्नी अनुपमा को नार्वे की पुलिस ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था । दोनों को अपने बच्चे को बार-बार धमकी देकर, हिंसा और अन्य तरीकों का सहारा लेकर उसके साथ र्दुव्य वहार करने के मामले में दोषी करार दिया गया है। उनके पास अपनी सजा के खिलाफ अपील करने के लिए कुछ ही दिनों का समय है।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, ओस्लो की जिला अदालत ने एक भारतीय दंपति को बाल शोषण (दुर्व्यवहार) के कई मामलों में दोषी पाया। अदालत की नजर में दंपति ने जानबूझ कर गर्म चम्मच और ऐसी ही किसी वस्तु से अपने बेटे की टांग जला दी। इसके कारण बच्चे के शरीर पर तकरीबन तीन गुना पांच सेंटीमीटर आकार के जलने के निशान हैं। अदालत ने कहा कि एक बार तो दंपति ने अपने बेटे को धमकी दी थी कि वे उसकी जीभ को गर्म चम्मच से दाग देंगे।

बयान के मुताबिक, अदालत के अनुसार, यह भी साबित हुआ है कि कई बार दंपति ने अपने बेटे को बेल्ट या उस जैसी किसी वस्तु से पीटा है और एक बार उन्होंने बच्चे की जीभ को गर्म चम्मच से दागने की धमकी भी दी। ये सभी घटनाएं पिछले छह से सात माह की अवधि में हुई हैं। इसलिए वे (दंपति) बार-बार र्दुव्यमवहार पर दंड संहिता की धारा 219 के पहले पैरा की जद में आते हैं । अभियोजन पक्ष में इस मामले में पिता के लिए 18 माह की और मां के लिए 15 माह की कैद की सजा की मांग की थी। अदालत ने उसकी मांग मानते हुए दोनों को यही सजा सुनायी।

बयान में कहा गया है, पिता को बिना किसी शर्त के 18 माह कैद और मां को बिना किसी शर्त के 15 माह कैद की सजा सुनायी गई है । अभियोजन पक्ष ने भी इसी सजा की मांग की थी । इस फैसले के खिलाफ बोरगार्टिंग कोर्ट ऑफ अपील में अपील की जा सकती है ।’’ दंपति के वकील ने संकेत दिए हैं कि वह फैसले को चुनौती देंगे।

ओस्लो पुलिस विभाग के अभियोजन पक्ष के प्रमुख कर्ट लिर ने कहा, यह साबित हो चुका है कि दंपति ने बच्चे को मारने-पीटने और धमकाने के अलावा गर्म चम्मच से जलाया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे अदालत के फैसले से संतुष्ट हैं।

सजा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, नॉर्वे में स्थित हमारा दूतावास इस मामले में फंसे भारतीयों के साथ है। उन्होंने कहा, उनकी हिरासत अवधि में भी काउंसिलर अधिकारी उनके सपर्क में था। हम उन्हें जरूरत के मुताबिक काउंसिलर सेवा मुहैया कराते रहेंगे और उनके वकील के संपर्क में बने रहेंगे। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 4, 2012, 15:57

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