नार्वे: सजा के खिलाफ अपील करेगा भारतीय दंपति

नार्वे: सजा के खिलाफ अपील करेगा भारतीय दंपति

नार्वे: सजा के खिलाफ अपील करेगा भारतीय दंपति हैदराबाद : ओस्लो की अदालत द्वारा बाल दुर्व्‍यवहार के दोषी करार दिए गए भारतीय दंपति के परिवार वालों ने इस फैसले पर निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि यह बाल अधिकारों का उल्लंघन है तथा सरकार से इसमें हस्तक्षेप की मांग की है।

आंध्र प्रदेश के रहने वाले और ओस्लो में टीसीएस कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर चंद्रशेखर वल्लभनेनी के परिवार वालों ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करेंगे। वल्लभनेनी और उनकी पत्नी अनुपमा को जेल की सजा दी गई है।

वल्लभनेनी के भतीजे शैलेंद्र ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम अदालत के फैसले से पूरी तरह निराश हैं। भारत सरकार ने समय पर प्रतिक्रिया नहीं जताई। यह फैसला स्वयं में बाल अधिकारों का उल्लंघन है क्योंकि मेरे चाचा के दो बच्चों को अभिभावकों का मार्ग दर्शन तब तक नहीं मिल पाएगा जब तक वे जेल में रहेंगे। उन्होंने कहा कि यहां तक कि नार्वे की सरकार ने कहा है कि साईं श्रीराम (चंद्रशेखरन के बड़े बेटे) को अभिभावकों के मार्गदर्शन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब हम उच्च अदालत में अपील करेंगे। हम भारत सरकार से अपील करेंगे कि वह हस्तक्षेप करे। इस दंपति को नार्वे की पुलिस ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था और उन्हें अदालत ने धमकी देकर, हिंसा का सहारा लेकर और अन्य तरीकों से बच्चे के साथ र्दुव्‍यवहार का दोषी पाया है।

अभियोजन पक्ष ने पिता के लिये 18 महीने और माता के लिए 15 महीने जेल की सजा दिये जाने का प्रस्ताव दिया जिसे अदालत ने स्वीकार किया। भारतीय सॉफ्टवेयर पेशेवर और उनकी पत्नी को ‘गंभीर बाल शोषण (दुव्यर्वहार)’ का दोषी ठहराते हुए दोनों को क्रमश: 18 माह और 15 माह कैद की सजा सुनाई गई है। आंध्रप्रदेश के सॉफ्टवेयर पेशेवर चन्द्रशेखर वल्लभनेनी और उनकी पत्नी अनुपमा को नार्वे की पुलिस ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था। दोनों को अपने बच्चे को बार-बार धमकी देकर, हिंसा और अन्य तरीकों का सहारा लेकर उसके साथ र्दुव्‍यवहार करने के मामले में दोषी करार दिया गया है। उनके पास अपनी सजा के खिलाफ अपील करने के लिए कुछ ही दिनों का समय है।

First Published: Wednesday, December 5, 2012, 10:03

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