Last Updated: Wednesday, December 5, 2012, 22:39
काठमांडो : नेपाल में राष्ट्रीय एका सरकार के गठन के लिए चार प्रमुख राजनीतिक दलों की एक अहम बैठक मुख्य मुद्दों पर आपसी मतभेद के चलते बेनतीजा ही समाप्त हो गई जबकि सरकार के गठन के लिए आम सहमति बनाने के लिए राष्ट्रपति की ओर से तय समयसीमा कल खत्म हो रही है।
माओवादी प्रमुख प्रचंड के काठमांडो के निकट स्थित लाजिमपट निवास पर आयोजित चार प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की बैठक में नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष सुशील कोइराला, नेकपा-एमाले अध्यक्ष झलनाथ खनल और प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने भी हिस्सा लिया। नेपाली कांग्रेस उपाध्यक्ष राम चंद्र पौडेल ने पत्रकारों को बताया कि बैठक में मौजूदा संकट खत्म करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई।
नेपाली कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बैठक में शिरकत कर रहे नेता प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर सहमत नहीं हो सके। नेपाली कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष सुशील कोइराला का नाम आम सहमति सरकार के नेतृत्व के लिए पेश किया था।
सूत्रों ने बताया कि प्रचंड ने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर आम सहमति तक पहुंचने से पहले पार्टियों को संविधान के दिक्कततलब मुद्दों पर किसी सहमति तक पहुंचना चाहिए। ये नेता मुद्दों को हल करने के लिए कल एक बार फिर बैठेंगे और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर किसी आम सहमति तक पहुंचेंगे।
नेपाली राष्ट्रपति राम बरन यादव ने कई माह से नेपाल में जारी राजनीतिक गतिरोध खत्म करने के मकसद से एक राष्ट्रीय आम सहमति सरकार के लिए कल तक की समयसीमा तय की है। यादव ने पहले इसके लिए पिछले गुरूवार की समयसीमा तय की थी। किसी सहमति तक पहुंचने में राजनीतिक दलों की नाकामी के बाद उन्होंने समयसीमा सात दिन के लिए बढ़ा दी थी। प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई ने संविधान लागू किए बगैर संविधान सभा भंग कर दी थी जिसके बाद नेपाल राजनीतिक एवं संवैधानिक संकट में फंस गया।
भट्टाराई ने 22 नवंबर को चुनाव कराने की घोषणा की थी, लेकिन वह चुनाव नहीं करा सके। इससे राजनीतिक संकट और भी गहरा गया। पार्टी इससे पहले की केन्द्रीय समिति की आज बैठक हुई। बैठक में एकमत से कोइराला की उम्मीदवारी का प्रस्ताव किया गया। कल एनेकपा-माओवादी और नेकपा-एमाले ने नेपाली कांग्रेस से प्रधानमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार का नाम पेश करने के लिए कहा था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 5, 2012, 22:39