Last Updated: Saturday, February 2, 2013, 09:25
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोइस्लामाबाद : करगिल युद्ध से जुड़े अहम खुलासे के बाद से पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस युद्ध में सीधे तौर पर परवेज मुशर्रफ के शामिल होने और देश पर बेवजह युद्ध थोपने को लेकर अब पाकिस्तान में इसको लेकर जांच कराने की मांग तेज हो रही है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के रिटायर्ड डायरेक्टर जनरल जियाउद्दीन बट्ट का कहना है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ एक युद्ध अपराधी हैं और अगर इस मामले की जांच हुई तो उन्हें फांसी की सजा से कोई नहीं बचा सकता है।
एक कांफ्रेंस में जनरल जियाउद्दीन बट्ट ने यहां तक कह दिया कि मुशर्रफ के किसी भी बयान पर यकीन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने हर बार आवाम को इस मुद्दे पर गुमराह किया है। बट्ट ने न सिर्फ मुशर्रफ की कारगुजारियों का जिक्र किया बल्कि यहां तक कहा कि इस मामले में जांच होने के बाद मुशर्रफ को फांसी के फंदे से कोई नहीं बचा सकेगा। बट्ट ने रिटायर्ड कर्नल अशफाक हुसैन की किताब को मुशर्रफ के खिलाफ एक पुख्ता चार्जशीट करार दिया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों रिटायर्ड कर्नल अशफाक हुसैन ने अपनी किताब में खुलासा किया था कि जनरल परवेज मुशर्रफ ने कारगिल युद्ध से पहले भारतीय सीमा के करीब ग्यारह किलोमीटर अंदर तक आ गए थे और वहां उन्होंने एक रात भी गुजरी थी। हुसैन ने अपनी इस किताब में परवेज मुशर्रफ द्वारा देश पर युद्ध लादने को भी अनुचित करार दिया है। उन्होंने कहा है कि पहले मुशर्रफ ने सीमा रेखा का उल्लंघन किया, फिर भारत से युद्ध किया और बाद में अपने ही फौजियों के शव पहचानने और लेने से मना कर दिया।
हालांकि परवेज मुशर्रफ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है। इन सभी से बेपरवाह मुशर्रफ ने भारत पर पाकिस्तान के ऊपर युद्ध थोपने और सीमा उल्लंघन तक का आरोप लगाया है। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर भी उनका और फौज का साथ न देने को लेकर अंगुली उठाई है। कारगिल युद्ध को लेकर परवेज मुशर्रफ जहां अपनी पीठ खुद ही ठोकते दिखाई दे रहे हैं वहीं उनके ही साथी अब उनके ऊपर सवाल उठाकर उन्हें कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। ऐसे में परवेज मुशर्रफ का लंदन से वापस आकर इन आरोपों का सामना करने का हौसला कम ही दिखाई दे रहा है।
First Published: Saturday, February 2, 2013, 09:25