Last Updated: Tuesday, September 17, 2013, 00:03

इस्लामाबाद : तालिबान की बमबारी में एक शीर्ष जनरल के मारे जाने के एक दिन बाद सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने आज कहा कि उग्रवादी पाकिस्तान को उनकी शर्तें मानने पर मजबूर नहीं कर सकते क्योंकि सेना में आतंकवादियों से संघर्ष करने की क्षमता है।
पिछले दो दिन में चार उग्रवादी हमलों में मारे गए मेजर जनरल सनाउल्लाह खान और अन्य सुरक्षा बलों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कयानी ने कहा, सेना में यह क्षमता और इच्छा है कि वह आतंकवादियों से संघर्ष करें। उन्होंने कहा, राजनीतिक प्रक्रिया के जरिए शांति को एक मौका देना समझने लायक है, लेकिन किसी को यह खुशफहमी नहीं होनी चाहिए कि हमें उग्रवादी उनकी मांगें मानने के लिए मजबूर कर लेंगे। कयानी ने यह बात तालिबान के साथ बातचीत की एमपीएल-एन सरकार की योजना के संदर्भ में कही।
कभी तालिबान के गढ़ रहे स्वात की एक सैनिक इकाई के कमांडर मेजर जनरल खान, लेफ्टिनेंट कर्नल तौसीफ अहमद और एक सैनिक की कल प्रतिबंधित तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान द्वारा खबर पख्तूनख्वाह प्रांत में किए गए आईईडी हमले में मौत हो गई थी। पाकिस्तान के राजनीतिक दलों ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तालिबान और अन्य उग्रवादी समूहों से बातचीत करने का समर्थन किया था। पिछले सात वर्ष में इन उग्रवादी समूहों के हाथों करीब 40 हजार सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है।
सेना द्वारा जारी बयान के मुताबिक कयानी ने देश की इच्छा के अनुरूप हर कीमत पर आतंकवाद के खिलाफ खात्मे में सेना की असंदिग्ध क्षमता और संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की कायराना घटनाओं को अंजाम देने वालों को कानून के दायरे में लाने में कोई कसर छोड़ी नहीं जाएगी। राजनीतिक प्रक्रिया में सेना का समर्थन दोहराते हुए कयानी ने कहा, आतंकवादियों को इसका फायदा उठाने की इजाजत कतई नहीं दी जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 16, 2013, 19:01