Last Updated: Thursday, October 6, 2011, 18:29
वाशिंगटन : राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आतंकवादियों से पाकिस्तान के सैन्य तथा खुफिया संपर्क होने की बात करते हुए चिंता जताई और कहा कि अमेरिका के लिए यह परेशानी की बात है. ओबामा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को मान लेना चाहिए कि भारत के प्रति एक शांतिपूर्ण पहल सभी के हित में होगी.
हक्कानी नेटवर्क का नाम लिये बिना अमेरिकी राष्ट्रपति ने आतंकवादियों को ’घृणित चरित्र’ वालों की संज्ञा दी. हक्कानी नेटवर्क के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से तार जुड़े होने का संदेह अमेरिका जता चुका है. व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में ओबामा ने कहा, ‘इस बात में कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान की सैन्य और खुफिया सेवाओं के ऐसे कुछ लोगों से संबंध है जो हमारे लिए परेशानी वाले हैं.’
ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान मानता है कि स्वतंत्र अफगानिस्तान से उसके सुरक्षा हितों को कुछ हद तक खतरा होगा क्योंकि उन्हें लगता है कि वह भारत के साथ जुड़ जाएगा और पाकिस्तान भारत को अब भी अपना घोर शत्रु मानता है. आईएसआई के हक्कानी नेटवर्क से संबंध होने पर पाकिस्तान के सामने किस तरह के परिणाम होंगे, इस बारे में पूछे गये सवाल पर ओबामा ने कुछ नहीं कहा.
उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तान से रिश्तों का सतत मूल्यांकन करते रहेंगे ताकि अमेरिकियों और हमारे हितों के संरक्षण में मदद मिले.’ राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने इस्लामाबाद को यह मनाने का प्रयास किया है कि स्थिर अफगानिस्तान उनके हित में है.
आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान के संबंधों के बारे में ओबामा का बयान ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष एडमिरल माइक मुलेन की हालिया टिप्पणी पर पूछे गये सवालों के जवाब में आया है. मुलेन ने कहा था कि हक्कानी नेटवर्क के आईएसआई से संबंध हैं. उन्होंने पाकिस्तान के सामने गरीबी, निरक्षरता, विकास की कमी और कमजोर संस्थाओं की समस्याओं पर भी रोशनी डाली.
ओबामा ने कहा, ‘हमारी महती इच्छा है कि पाकिस्तान के लोग अपने खुद के समाज और अपनी सरकार को मजबूत करें.’ ओबामा ने कहा कि उनका पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आतंकवादी संगठन अलकायदा अमेरिकी जमीन पर हमला नहीं कर सके और दुनियाभर में अमेरिकी हितों को प्रभावित नहीं कर सके.
(एजेंसी)
First Published: Thursday, October 6, 2011, 23:59