पाक को आतंकवाद फैलाने वाला देश घोषित नहीं करेगा अमेरिका

पाक को आतंकवाद फैलाने वाला देश घोषित नहीं करेगा अमेरिका

वाशिंगटन : पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश घोषित करने के लिए अमेरिका कोई प्रक्रिया शुरू नहीं कर रहा है। अधिकारियों ने यह बात विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के अमेरिकी कांग्रेस को हक्कानी नेटवर्क को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बारे में सूचित करने के बाद कही। नाम न लिए जाने की शर्त पर वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से इस तरह का बयान आया है क्योंकि एक शीर्ष पेंटागन अधिकारी ने पिछले साल हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की वास्तविक शाखा बताया था।

हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई के बारे में संवाददाताओं को जानकारी दे रहे प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से एक पत्रकार ने पूछा, क्यों न इस क्षण इस कदम को इस तरह देखा जाए कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश है। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, मैं साफ शब्दों में कहना चाहता हूं कि यह किसी भी रूप में इस प्रशासन की आम सहमति से और सर्वसम्मत राय नहीं है। हम पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बिल्कुल कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं।

तत्कालीन ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष एडमिरल माइक मुलेन द्वारा दिए गए वक्तव्य के बारे में एक पत्रकार ने जब सवाल पूछा गया तो अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर कुछ है तो यह कि वे (पाकिस्तान) आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए बेहद मूल्यवान सहयोगी हैं और हम समन्वय और सहयोग को बढ़ाने और कायम रखने को प्रतिबद्ध हैं।’’ गौरतलब है कि मुलेन ने अमेरिकी कांग्रेस में हक्कानी नेटवर्क को आईएसआई की वास्तविक शाखा बताया था।

अधिकारी ने कहा, अध्यक्ष मुलेन की टिप्पणी के संबंध में मुझे उम्मीद है कि आपको याद होगा कि उन्होंने यह कहते वक्त इस बात पर काफी बल दिया था कि उनके बयान के पहले हिस्से को बहुत उछाला जा रहा है और दूसरे पर उतना ध्यान नहीं दिया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि हमें वह संबंध जारी रखना है और हमें अपना प्रयास जारी रखना है। हम वही कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा, इसलिए हमने हमेशा कहा है कि हम पाकिस्तान में नेटवर्क की पनाहगाहों के होने से परेशान हैं और इसपर दबाव डालने के लिए हम पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। साथ ही और भी बातें हैं जिसे हम कर सकते हैं। यह उस प्रयास का हिस्सा है। प्रशासन के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह गलत धारणा है और इसका गलत तरीके से प्रचार किया गया है कि एफटीओ की घोषणा और राज्य प्रायोजित घोषित किए जाने के बीच संबंध है।

अधिकारी ने कहा, ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि यह लोगों के लिए समझना महत्वपूर्ण है कि इन बातों के बीच कोई कानूनी संबंध नहीं है। अधिकारी ने कहा, कई देशों में हमने समूहों को (आतंकवादी संगठन) घोषित किया है और इससे कभी उस देश के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों में और हमारी बातचीत में बदलाव नहीं आया है सिवाय इस बात के कि उग्रवाद की समस्या से निपटने के लिए उनके साथ काम करने का हमारा संकल्प मजबूत हुआ है। अधिकारी ने कहा, इसलिए मेरा मानना है कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि उसे समझा जाए। (एजेंसी)

First Published: Saturday, September 8, 2012, 14:56

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