पाक को दी जाने वाली मदद में भारी कटौती करेगा अमेरिका!

पाक को दी जाने वाली मदद में भारी कटौती करेगा अमेरिका!

पाक को दी जाने वाली मदद में भारी कटौती करेगा अमेरिका! वाशिंगटन : ओबामा प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस से वर्ष 2014 के लिए पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक और सुरक्षा सहायता में भारी कटौती करने का अनुरोध किया है। कांग्रेस की एक नवीनतम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। अगर यह अनुरोध मान लिया जाता है तो पाकिस्तान को अमेरिका से मिलने वाली सहायता में वर्ष 2012 के मुकाबले एक तिहाई से अधिक की गिरावट आ जाएगी।

पाकिस्तान को मिलने वाली अमेरिकी सहायता पर कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की ओर से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है, ओबामा प्रशासन ने वित्त वर्ष 2014 में पाकिस्तान को करीब 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक एवं सुरक्षा सहायता देने का अनुरोध किया है। यह राशि वित्त वर्ष 2012 में पाकिस्तान को (गठबंधन सहायता कोष-कोएलिशन सपोर्ट फंड के अलावा) दी गई 1.9 अरब अमेरिकी डॉलर की कुल सहायता से काफी कम है। सीआरएस ने कहा है कि वित्त वर्ष 2013 के लिए पाकिस्तान को अनुमानित सहायता का आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं हो पाया है।

अमेरिकी कांग्रेस की स्वतंत्र शोध शाखा सीएसआर में दोनों दलों के सांसद होते हैं। यह संस्था अमेरिकी सांसदों की रचि के विभिन्न मुद्दों पर आवधिक रिपोर्ट तैयार करती है, जिससे कि वे सूचनापरक निर्णय ले सके। वर्ष 1948 के बाद से अमेरिका ने पाकिस्तान को 30 अरब अमेरिकी डॉलर की प्रत्यक्ष सहायता का वादा किया था, जिसमें करीब आधा हिस्सा सैन्य सहायता का था और वर्ष 2001 के बाद की अवधि में इसमें से दो तिहाई से अधिक राशि विनियोजित की गई।

इस वर्ष एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2014 के लिए ओबामा प्रशासन ने कुल 1,162.57 मिलियन डॉलर की सहायता का अनुरोध किया है, जिसमें से दो तिहाई हिस्सा आर्थिक सहायता और एक तिहाई हिस्सा सुरक्षा सहायता के लिए है। सीएसआर ने कहा, पाकिस्तान को प्रवासी आपात परिचालन (ओसिओ) के तहत कुल 281.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी जाएगी, जो इस अनुरोध का हिस्सा नहीं है, बल्कि ओबामा प्रशासन ने इसे सीमावर्ती देश के लिए असाधारण एवं अस्थायी वित्त पोषण करार दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिक सहायता में उर्जा, स्थिरीकरण, समाज सेवा (विशेषकर स्वास्थ्य एवं शिक्षा), आर्थिक विकास (कृषि सहित) और प्रशासनिक सुधार जैसे पांच मुख्य क्षेत्रों सहित पारदर्शिता और लैंगिक समानता पर ध्यान दिया जाएगा।

इसमें कहा गया है कि सुरक्षा सहायता में उग्रवाद एवं आतंकवाद विरोधी क्षमताओं में विकास, सैन्य सहयोग में मजबूती और पाकिस्तानी नागरिकों विशेषकर पाक-अफगान सीमा से सटे हुए इलाकों में रहने लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में पाकिस्तान की क्षमताओं का विकास करना शामिल है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, July 3, 2013, 11:02

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