Last Updated: Thursday, February 2, 2012, 08:46
ज़ी न्यूज ब्यूरो इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी पर अब अवमानना का केस चलेगा। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ कार्रवाई न कर अदालत की अवमानना की। गिलानी के खिलाफ अदालत की अवमानना मामले की सुनवाई कर रही सात सदस्यीय खंडपीठ ने उन्हें 13 फरवरी को न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति नासिर-उल-मुल्क ने कहा कि शुरुआती सुनवाई के बाद हमें लगता है कि इस मामले में आगे मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इस मामले में आरोप तय करने के लिए सुनवाई 13 फरवरी तक स्थगित की जाती है। प्रधानमंत्री को उस दिन न्यायालय में पेश होना होगा।
गिलानी के वकील ऐतजाज एहसान ने संवादताओं से कहा कि सरकार इस मामले में अपील दायर कर सकती है। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने प्रधानमंत्री गिलानी के खिलाफ आरोप तय करने का निर्णय लिया है और इसलिए उन्हें 13 फरवरी को व्यक्गित रूप से पेश होने के लिए कहा। यदि गिलानी को इस मामले में दोषी पाया जाता है तो उन्हें छह महीने की जेल हो सकती है या उन्हें किसी भी सार्वजनिक पद के अयोग्य ठहराया जा सकता है।
इससे पहले गिलानी 19 जनवरी को न्ययालय में पेश हुए थे। उन्होंने यह कहते हुए अपना बचाव किया था कि देश का संविधान राष्ट्रपति को अभियोजन से छूट देता है, इसलिए उनकी सरकार ने जरदारी के खिलाफ न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुसार कार्रवाई नहीं की।
इससे पहले गिलानी 19 जनवरी को न्ययालय में पेश हुए थे। उन्होंने यह कहते हुए अपना बचाव किया था कि देश का संविधान राष्ट्रपति को अभियोजन से छूट देता है, इसलिए उनकी सरकार ने जरदारी के खिलाफ न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुसार कार्रवाई नहीं की।
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जरदारी को वर्ष 2007 में राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश के तहत आम माफी दी गई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो तथा उनके पति जरदारी को पाकिस्तान आने देने के लिए यह अध्यादेश जारी किया था। लेकिन वर्ष 2009 में सर्वोच्च न्यायालय ने इस अध्यादेश को निरस्त करते हुए सरकार को जरदारी के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।
First Published: Friday, February 3, 2012, 09:51