Last Updated: Monday, December 26, 2011, 09:05
इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार ताकतवर सेना प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कयानी तथा आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा को हटाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। सेना के कथित तौर पर सत्ता अपने कब्जे में लेने से संबंधित गोपनीय ज्ञापन (मेमोगेट) को लेकर सरकार और सेना में जारी गतिरोध के बीच मीडिया में यह रिपोर्ट आई है।
समाचार पत्र ‘द न्यूज’ ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरकार कयानी तथा पाशा से नाखुश है और यह अब एक ‘खुला राज’ है। कियानी को तीन साल को सेवा विस्तार दिया गया है। पाशा का कार्यकाल भी पिछले वर्ष एक साल के लिए बढ़ाया गया।
रिपोर्ट के अनुसार दोनों जनरलों को पिछले महीने नाटो के हवाई हमले के बाद अमेरिका के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। दोनों ने उस कथित गोपनीय दस्तावेज को भी लेकर भी सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। दस्तावेज में मई में पाकिस्तान में तख्ता पलट की आशंका जतायी गयी और अमेरिका से मदद मांगी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर मामले की उचित तरीके से जांच हुई तो मेमोगेट कांड सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी तथा कुछ शीर्ष नेताओं के लिए गंभीर संकट पैदा कर सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के प्रमुख सहयोगियों ने संयम बरतने तथा सतर्क रुख अपनाने को कहा है क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विचारों में मतभेद समेत हाल की घटनाओं ने ऐसी धारणा बना दी है कि पूरा सुरक्षा प्रतिष्ठान अपने ही राजनीतिक नेतृत्व का हमला झेल रहा है।
दोनों जनरलों को पद से हटाने की संभावित प्रतिक्रिया के बारे में एक सूत्र ने समाचार पत्र से कहा कि किसी को पता नहीं है और कोई भी इन प्रश्नों का सवाल नहीं तलाशना चाहेगा। वास्तव में, अगर इस प्रकार का कदम उठाया जाता है तथा संबंधित अधिकारी फैसले को स्वीकार करते हैं तो भी कोई नहीं जानता की संस्थान की क्या प्रतिक्रिया होगी। प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की पिछले सप्ताह सेना की आलोचना से दोनों जनरलों को पद से हटाने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा थी कि सेना के लिए एक व्यवस्था के भीतर दूसरी व्यवस्था के रूप में काम करना स्वीकार नहीं है।
गिलानी ने पाकिस्तान में छह साल से रह रहे ओसाबा बिन लादेन का पता लगाने में नाकाम रहने वाली सेना की विफलता पर भी सवाल उठाया।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी विदेश नीति तथा सैन्य नीति बनाने वाले प्रमुख पक्ष दोनों जनरल को बर्खास्त करने के फैसले के लिये सरकार को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 27, 2011, 09:37