Last Updated: Sunday, April 14, 2013, 21:44

इस्लामाबाद : इमरान खान की पार्टी ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान में ‘कश्मीरी जेहादी ताकतें’ सक्रिय हैं और देश में आतंकवाद तथा अराजकता की एक मुख्य वजह यह भी है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की ओर से 11 मई को होने वाले संसदीय चुनाव के लिए तैयार की गई एक विशेष वेबसाइट पर ‘नया पाकिस्तान प्लान’ नामक एक दस्तावेज पेश किया गया है। इस दस्तावेज में उन छह कारणों का उल्लेख किया गया है जो पाकिस्तान में आतंकवाद और अराजकता बढ़ने के लिए जिम्मेदार हैं।
इसमें कहा गया है, ‘‘अफगानिस्तान में तालिबान के प्रतिरोध, पाकिस्तानी तालिबान द्वारा शरिया की अपनी व्याख्या को लागू करवाने का प्रयास करना, पाकिस्तान के भीतर कश्मीरी जेहादी ताकतों का काम करना, जातीय हिंसा और बलूचिस्तान में मताधिकार का मुद्दा ऐसे कारण हैं जो आतंकवाद तथा अराजकता के लिए जिम्मेदार हैं।’’ पाकिस्तान में भारत द्वारा प्रतिबंधित हिज्ब-उल-मुजाहिदीन और अल-बद्र मुजाहिदीन जैसे संगठन पीओके में सरेआम अपनी गतिविधियां चला रहे हैं, लेकिन यहां के राजनीतिक दल इस तरह के संगठनों की मौजूदगी की बात को स्वीकार करने से इंकार करते रहे हैं।
पाकिस्तान के ज्यादातर राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात पर जोर देते रहे हैं कि वे कश्मीरी लोगों को आत्मनिर्णय के अधिकार को लेकर चलाए जाने वाले आंदोलन का समर्थन करेंगे। वे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के रुख को भी ठेंगा दिखाते रहे हैं। विदेश मंत्रालय का कहना रहा है कि पाकिस्तान कश्मीरी लोगों का सिर्फ बाहर से राजनीतिक, नैतिक और राजनयिक समर्थन करता है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ शायद यहां का पहला राजनीतिक दल है जिसने पाकिस्तानी सरजमीं पर कश्मीरी जेहादी ताकों की मौजूदगी को स्वीकार किया है। बीते नौ अप्रैल को इमरान खान ने अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया था और उसमें आंतरिक सुरक्षा की स्थिति का जिक्र था, हालांकि कश्मीरी जेहादियों की मौजूदगी का उल्लेख किया था। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के घोषणा पत्र के मसौदे में भी ‘नया पाकिस्तान प्लान’ की तरह कुछ बातों का उल्लेख था, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं के कहने पर इसे हटा दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 14, 2013, 17:15