पाक संसद ने इसाइयों पर हमले की निंदा की

पाक संसद ने इसाइयों पर हमले की निंदा की

पाक संसद ने इसाइयों पर हमले की निंदा की इस्लामाबाद : पाकिस्तानी संसद ने लाहौर में एक ईसाई इलाके में भीड़ द्वारा किए गए हमले की निंदा की और इस घटना को ‘‘राष्ट्रीय आपदा’’ करार देते हुए इसकी न्यायिक आयोग से जांच कराए जाने का आह्वान किया। नेशनल असेम्बली में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें सरकार से हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने तथा जिम्मेदारी तय किए जाने की मांग की गयी है। अंतर धार्मिक समरसता मामलों के मंत्री अकरम मसीह गिल ने इस संबंध में कल एक प्रस्ताव पेश किया था। वह स्वयं ईसाई हैं। उधर सीनेट में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने लाहौर की जोसफ कालोनी में शनिवार को हुई घटना की गहन जांच तथा दोषियों को सजा दिए जाने की मांग की गयी।

हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था। बताया जाता है कि करीब तीन हजार मुस्लिमों की भीड़ ने जोसफ कालोनी में लूटपाट की थी और करीब 160 घरों तथा दो छोटे गिरिजाघरों में आग लगा दी थी।

एक 26 वर्षीय सफाई कर्मचारी सेवन मसीह को एक मुस्लिम द्वारा ईशनिंदा का आरोपी ठहराए जाने के बाद समस्या पैदा हुई। जोसफ कालोनी के निवासियों तथा पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मसीह और मुस्लिम व्यक्ति का शराब पीकर झगड़ा हुआ था जिसमें मसीह पर मुस्लिम व्यक्ति ने पैगम्बर मोहम्मद की निंदा करने का आरोप लगाया। नेशनल असेम्बली में इस घटना पर अफसोस जाहिर किया गया।

घटना केा ‘‘राष्ट्रीय आपदा’’ करार देते हुए नेशनल असेम्बली ने दुनियाभर में किसी भी धर्म के खिलाफ ईशनिंदा की सभी कार्रवाइयों की निंदा की । निचले सदन के सदस्यों ने इसके साथ ही पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान जल्द किए जाने भी मांग की। नेशनल असेम्बली में सदस्यों ने यह भी कहा कि यदि जरूरत हो तो सरकार को हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कानून बनाना चाहिए।

ईसाई कालोनी में हमले तथा कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा कराने के लिए निचले सदन में प्रश्नकाल तथा कार्यसूची में दर्ज अन्य कामकाज को निलंबित कर दिया गया। जमियत उलेमा ए इस्लाम की आसिया नसीर ने कहा कि पंजाब सरकार कट्टरपंथ तथा आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है और प्रशासन दंगाइयों को काबू करने में असहाय नजर आता है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 12, 2013, 17:37

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