पाक संसद में लोकतंत्र के पक्ष में प्रस्ताव पारित - Zee News हिंदी

पाक संसद में लोकतंत्र के पक्ष में प्रस्ताव पारित

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा लोकतंत्र के समर्थन में पेश किए गए प्रस्ताव को पारित किया। बाद में संसद में गिलानी ने कहा कि प्रस्ताव का पारित होना ‘‘सर्वसम्मति से यह दर्शाता है कि संसद सर्वोच्च, प्रधान है और लोकतंत्र स्थायी है।’’ गिलानी ने यह भी कहा कि अदालती अवमानना का सामना करने के लिए वह 19 जनवरी को शीर्ष न्यायालय के समक्ष पेश होंगे। उन्होंने कहा कि सेना और न्यायपालिका को लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए और वे व्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचा सकते।

 

इस बीच अदालत के नोटिस पर पीपीपी नेता फरहतुल्ला बाबर ने कहा, हम अदालत और उसके फैसले की इज्जत करते हैं। कानूनी जानकारों से विचार-विमर्श करने के बाद उचित जवाब दाखिल किया जाएगा। सबसे बड़ी अदालत के आदेश के कुछ घंटे बाद ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में पीपीपी और सहयोगी दलों के नेताओं की एक बैठक हुई। इसमें राष्ट्रपति जरदारी भी शामिल थे।

 

पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन की सर्वदलीय बैठक में सोमवार को गिलानी पर पूरा विश्वास जताया गया।
इस बैठक में गिलानी ने कहा कि उनकी सरकार शीर्ष न्यायालय सहित सभी संस्थाओं का पूरा सम्मान करती हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी भी सरकारी संस्था के साथ किसी तरह का टकराव नहीं चाहती हैं।

 

सूत्रों ने बताया कि गठबंधन के नेताओं ने गिलानी को सलाह दी गई कि वह शीर्ष न्यायालय के समक्ष उपस्थित हों और गठबंधन सरकार का विचार रखें। इन नेताओं ने कहा कि वे अदालत तक गिलानी के साथ जाएंगे।
समाचार चैनल जियो न्यूज के मुताबिक गिलानी को जरदारी ने भी सलाह दी कि वह देश की सबसे बड़ी अदालत के समक्ष उपस्थित हों।

गठबंधन सरकार में शामिल दलों की बैठक उस वक्त हुई है जब संसद असैन्य सरकार को सहारा देने के मकसद से लाए गए एक प्रस्ताव पर मतदान करने वाली थी। सहयोगी दलों ने पीपीपी को भरोसा दिलाया कि वे प्रस्ताव को लेकर सरकार का पूरा साथ देंगे।

 

इस बैठक में पीपीपी के अलावा पीएमएल-क्यू, अवामी नेशनल पार्टी और मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट के नेता शामिल हुए। इससे पहले जरदारी और गिलानी ने अलग से एक बैठक की और देश के मौजूदा राजनीतिक हालात की समीक्षा की।

 

पाकिस्तान के कानून मंत्री मौला बक्स चांदिओ ने संवाददाताओं से कहा कि शीर्ष न्यायालय की ओर से गिलानी को नोटिस जारी किया जाना कोई सामान्य मामला नहीं है।

 

मंत्री ने कहा कि सरकार इस नोटिस की समीक्षा करेगी और कानून एवं संविधान के मुताबिक इसका जवाब देगी।
पीठ ने गिलानी को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस सवाल का जवाब देने का निर्देश दिया कि अदालत के आदेशों को जानबूझकर नजरअंदाज करने पर उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं की जाए।

 

उधर, समाचार चैनल ‘एआरवाई न्यूज’ के मुताबिक जरदारी के साथ बैठक के दौरान गिलानी ने इस्तीफे की पेशकश की। सूत्रों के हवाले से दी गई खबर में कहा गया है कि गिलानी ने कहा कि अगर उनके पद छोड़ने से सरकार और संसद को मजबूती मिलेगी तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।

 

बैठक से बाहर आते हुए अवामी नेशनल पार्टी के प्रमुख असफंदयार वली खान ने गिलानी के इस्तीफे पर किसी तरह की बातचीत से इंकार किया और कहा कि गिलानी शीर्ष अदालत का सामना करने को तैयार हैं।  (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 17, 2012, 12:39

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