Last Updated: Friday, October 5, 2012, 22:39
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की संसदीय समिति ने भारत के साथ नए वीजा समझौते को लागू करने में हो रही देरी के लिए देश के गृह मंत्रालय की आलोचना की है। समिति के सदस्यों ने एक प्रस्ताव पारित कर मंत्रिमंडल से कहा है कि जितनी जल्दी संभव हो वह समझौते को अंगीकार करे। विदेश सचिव जलील अब्बास जीलानी ने संसद के उच्च सदन या सीनेट के विदेश मामलों की समिति को बताया कि मंत्रिमंडल द्वारा वीजा समझौता अभी तक अंगीकार नहीं किया गया है क्योंकि गृह मंत्रालय को अभी भी कुछ औपचारिक्ताएं पूरी करनी बाकी हैं ।
समिति के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद आदिल (आवामी नेशनल लीग के सदस्य) और अन्य सदस्यों ने समझौते को लागू करने में हो रही देरी की आलोचना की। समिति के सदस्य और राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने मंत्रिमंडल द्वारा वीजा समझौते को जल्दी अंगीकार किए जाने के आशय से एक प्रस्ताव पेश किया था जिसे सदस्यों ने पारित कर दिया।
आदिल ने यह रेखांकित करते हुए कि भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार आ रहा है, सवाल किया कि इतने महत्वपूर्ण समझौते को लागू करने में देरी क्यों हो रही है। विदेश सचिव जलील अब्बास जीलानी ने समिति को बताया कि भारत ने पिछले महीने समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले ही उसे लागू करने की सभी औपचारिक्ताएं पूरी कर ली थीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में यह प्रक्रिया समझौता होने के बाद पूरी करनी होती है। उन्होंने समिति को नए समझौते की शर्तों के बारे में भी बताया।
समिति के सामने पेश हुईं विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने कहा कि समझौते को लागू करने में हो रही देरी केवल प्रक्रियाओं के पालन के कारण है। अधिकारियों ने समिति को आश्वासन दिया कि समझौते को अगले सप्ताह मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा ताकि उसे अंगीकार करने की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
बाबर ने कहा कि पत्रकारों को वीजा देने प्रवधान को इसी समझौते में शामिल किया जाना चाहिए था क्योंकि दोनों देशों के बीच रिश्तों को सुधारने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत-पाकिस्तान के बीच नए और सरल वीजा समझौते पर 8 सितंबर को इस्लामाबाद में हस्ताक्षर हुआ। इसपर विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने हस्ताक्षर किया। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 5, 2012, 22:39