Last Updated: Thursday, March 28, 2013, 18:13
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में आगामी 11 मई होने वाले संसदीय चुनाव को सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने के लिए करीब 50 हजार सैनिकों को तैनात किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने आगाह किया है कि चुनाव के दौरान आतंकवादी हमले का खतरा है। जनदुल्लाह, लश्कर-ए-झांगवी और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे संगठन हमले की साजिश रच रहे हैं।
खबर है कि तालिबान पेशावर में प्रमुख सरकारी इमारतों और प्रतिष्ठानों पर आत्मघाती हमले की साजिश रच रहा है। समाचार पत्र ‘डॉन’ के अनुसार खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी और अर्ध-सरकारी भवनों, प्रतिष्ठानों और सुरक्षा बलों पर भी हमले हो सकते हैं। अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग के अधिकारियों के बीच बैठक में चुनाव के दौरान संभावित खतरों के बारे में चर्चा की गई।
सेना के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना के कार्प कमांडर की बैठक में कल फैसला किया गया कि चुनाव के समय करीब 50 हजार सैनिकों की तैनाती की जाएगी। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था कायम रखने और सुरक्षा प्रदान करने की तैयारियों के बारे में चर्चा की गई।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘लाखों पुलिसकर्मी और पाकिस्तान रैंजर्स के जवानों के साथ सैनिकों को भी तैनात किया जाएगा ताकि चुनाव के दौरान पुख्ता सुरक्षा मुहैया कराई जा सके।’ चुनाव आयोग के सचिव इश्तियाक अहमद सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा के लिए रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय का दो बार दौरा कर चुके हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि सेना मतदान केंद्रों को श्रेणीबद्ध करना चाहती है और सिर्फ संवेदनशील मतदान केंद्रों पर ही सैनिक तैनात करने के पक्ष में है। अनुमान के मुताबिक करीब 24 हजार मतदान केंद्र ऐसे हैं जहां सैनिकों को तैनात किया जाएगा। साल 2008 के आम चुनाव में 21 हजार मतदान केंद्रों पर 38 हजारों सैनिकों की तैनाती की गई थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 28, 2013, 18:13