Last Updated: Tuesday, September 17, 2013, 15:41

इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि लोगों ने उन्हें पड़ोसियों के साथ संबंध सुधारने के लिए जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर सहित सभी मुद्दों के समाधान के लिए भारत के साथ विस्तृत वार्ता को इच्छुक है । शरीफ ने कहा कि वह भारत के साथ गंभीर, स्थिर एवं विस्तृत वार्ता करने के लिए इच्छुक हैं जिसमें जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी शामिल हो ।
नियंत्रण रेखा के पास हाल के तनाव को चिंता की बात करार देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थिति पर धर्यपूर्वक एवं पूरी जिम्मेदारी से प्रतिक्रिया देगा । तुर्की के एक मीडिया नेटवर्क को दिए साक्षात्कार में शरीफ ने कहा कि उनकी सरकारी सभी देशों खासकर पड़ोसी देशों के साथ स्थिर एवं सहयोगपूर्ण संबंधों की विदेश नीति को अपना रही है ।
तुर्की की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर आए शरीफ ने कहा, ‘हमारे सामाजिक, आर्थिक एजेंडे को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध जरूरी हैं और यह मेरी सरकार की प्राथमिकता है । शरीफ ने कहा, ‘इलाके में स्थायी शांति के लिए हमने भारत के साथ अच्छे संबंधों को हमेशा प्राथमिकता दी है । जम्मू-कश्मीर सहित सभी मुद्दों के समाधान के लिए हम भारत के साथ विस्तृत वार्ता को इच्छुक हैं ।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में जब लाहौर की यात्रा की तो उन्होंने इस प्रक्रिया की शुरूआत की और दोनों पक्ष कश्मीर समस्या के समाधान के काफी करीब पहुंच गए थे ।
सरकार की ओर से संचालित रेडियो पाकिस्तान ने शरीफ के हवाले से बताया कि नियंत्रण रेखा के पास हाल का तनाव चिंता की बात है लेकिन पाकिस्तान स्थिति पर धर्य एवं जिम्मेदारी के साथ प्रतिक्रिया देगा ।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘उन्होंने भारत के साथ पाकिस्तान की गंभीर, स्थायी एवं सकारात्मक वार्ता की प्रतिबद्धता को पुनर्जीवित किया जिसमें जम्मू-कश्मीर का मूल मुद्दा भी शामिल है ।’ पाकिस्तानी तालिबान के साथ वार्ता के मुद्दे पर शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार उन लोगों के साथ वार्ता को इच्छुक है जो चरमपंथ की राह छोड़ने को तैयार हैं ।
शरीफ ने कहा कि आतंकवादियों से निपटने के लिए सरकार के पास कई विकल्प हैं लेकिन बल प्रयोग को अंतिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा ताकि निर्दोष लोगों को जान नहीं गंवानी पड़े ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद का खतरा ‘पहले की गलत नीतियों का परिणाम है ।’ उन्होंने कहा कि आतंकवादी नेटवर्क को हथियारों की आपूर्ति, प्रशिक्षण एवं कोष पर नियंत्रण के लिए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय एवं पड़ोसियों के सहयोग एवं समर्थन की जरूरत है ।
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान में ड्रोन हमले की अमेरिकी रणनीति न केवल देश की संप्रभुता एवं अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है बल्कि इसके विपरीत परिणाम भी हो सकते हैं और समाज में और कट्टरता पनप सकती है ।
उन्होंने कहा कि ये हमले ‘चरमपंथ एवं आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक प्रयास को कमतर करते हैं ।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि ड्रोन हमले की उपयोगिता पर अमेरिका विचार करेगा । शरीफ ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता का सीधा रिश्ता पाकिस्तान की शांति एवं स्थिरता से है । उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अफगानिस्तान में शांति एवं मेल-मिलाप के गंभीर प्रयास को अपना समर्थन देना जारी रखेगी । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 17, 2013, 15:41