Last Updated: Wednesday, January 23, 2013, 17:13

लाहौर : पाकिस्तान में चुनावी सुधार की मांग करते हुए व्यापक जनप्रतिरोध का नेतृत्व करने वाले तेजतर्रार धार्मिक नेता ताहिर-उल-कादरी ने घोषणा की है कि वे खुद या उनका परिवार आने वाले आम चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसा करके वे ‘वंशवादी राजनीति’ को हतोत्साहित करना चाहते हैं।
कादरी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा,‘मेरी पत्नी, दो बेटे, बेटियां, बहुएं और दामाद चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि इसमें कोई कानूनी बाधा नहीं है लेकिन मैंने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि वंशवादी राजनीति को हतोत्साहित कर सकूं।’
वैसे दूसरे राजनैतिक दलों के नेताओं का मानना है कि कादरी ने मई में संभावित चुनावों में खड़े न होने का फैसला इसलिए लिया है ताकि वे अपनी कनाडियाई राष्ट्रीयता को बरकरार रख सकें।
पाकिस्तानी कानून के तहत चुनाव लड़ने के लिए किसी उम्मीदवार को अपनी दोहरी नागरिकता छोड़नी पड़ती है। तहरीक मिनहाज-उल-कुरान के प्रमुख कादरी ने अपनी पाकिस्तान आवामी तहरीक पार्टी के आम चुनावों में भाग लेने के बारे में विरोधाभासी बयान दिए थे।
इस धार्मिक नेता ने चुनाव सुधारों के लिए सरकार पर दबाव बनाने के इरादे से हाल ही में लाहौर से इस्लामाबाद तक रैली में अपने हजारों अनुयायियों का नेतृत्व किया और संसद के बाहर चार दिन तक धरना दिया था। कादरी ने सरकार के साथ एक समझौता किया जिसके अनुसार सरकार कादरी की मांगों पर भविष्य में चर्चा करेगी।
सत्ताधारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और मुख्य विपक्षी पीएमएल-एन ने यह सवाल उठाया कि जो व्यक्ति खुद चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा ही नहीं बनना चाहता है, वह भला चुनाव सुधारों के लिए दबाव क्यों बना रहा है? पीएमएल-एन के प्रवक्ता परवेज राशिद ने कहा, ‘मैंने कादरी साहब से कहा कि वह पहले खुद चुनावों में भाग लेने की घोषणा करें, उसके बाद चुनाव सुधारों की मांग करें।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 23, 2013, 17:13