पाकिस्तान में फिल्म विरोधी प्रदर्शन में 20 लोग मारे गए, सैकड़ों घायल

पाकिस्तान में फिल्म विरोधी प्रदर्शन में 20 लोग मारे गए, सैकड़ों घायल

पाकिस्तान में फिल्म विरोधी प्रदर्शन में 20 लोग मारे गए, सैकड़ों घायलइस्लामाबाद : पाकिस्तान में शुक्रवार को इस्लाम विरोधी अमेरिकी फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लगभग 20 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हो गए। हजारों प्रदर्शनकारियों ने कई सिनेमाघरों, बैंकों एवं सरकारी कार्यालयों में आग लगा दी। पाकिस्तान की व्यवसायिक राजधानी कराची सबसे ज्यादा प्रभावित हुई और यहां दो पुलिसकर्मियों समेत कुल 14 लोग मारे गए। यहां प्रदर्शन के दौरान लगभग 110 लोग घायल हुए हैं।

अधिकारियों के अनुसार इस्लामाबाद, कराची और पेशावर में प्रदर्शनों के दौरान लगभग 200 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि पेशावर में एक समाचार चैनल के कर्मचारी समेत पांच लोग मारे गए हैं। एआरवाई समाचार ने कहा कि उसके कर्मचारी मुहम्मद आमिर की पुलिस की गोली लगने के कारण मौत हुई। उधर, कराची में प्रदर्शनकारियों तीन सिनेमाघरों, तीन सरकारी कार्यालयों, तीन बैंकों और कई पुलिस वैनों को आग लगा दी। कराची के जेटी ब्रिज में हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक पुलिसकर्मी मारा गया और कई अन्य घायल हो गए।

पाकिस्तान की सरकार ने अमेरिका के प्रभारी रिचर्ड हॉगलैंड को तलब कर इस फिल्म के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। साथ ही अमेरिका से इस वीडियो को यू-ट्यूब से तुरंत हटाने की भी मांग की। प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की ‘यौम ए इश्क ए रसूल’ या ‘पैगंबर प्रेम दिवस’ के मौके पर आज शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील को दरकिनार कर प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हिंसक प्रदर्शन किए। अशांत खबर-पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर और रावलपिंडी में छात्र समूहों और धार्मिक संगठनों ने प्रदर्शन किए।

राजधानी इस्लामाबाद में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की रुकावटों को लांघ कर राजनयिक क्षेत्र में प्रदर्शन करने की कोशिश की। यहीं पर अमेरिका का दूतावास, भारत का उच्चायोग और अधिकांश पश्चिमी देशों के दूतावास हैं। टेलीविजन पर दिखाए जा रहे दृश्यों में कई हथियारबंद प्रदर्शनकारियों को गोलियां चलाते हुए दिखाया गया। पेशावर में दो सिनेमाघरों एवं दो बैंकों में आग लगाए जाने के बाद शहर में धुंए के बादल नजर आ रहे थे।

लाहौर में अमेरिका के महावाणिज्य दूतावास के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए, लेकिन शाम साढ़े सात बजे सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया। लाहौर के पुलिस प्रवक्ता नियाब हैदर ने बताया कि 11 लोग, जिनमें अधिकतर पुलिसकर्मी हैं, घायल हो गए। रावलपिंडी के पास प्रदर्शनकारियों ने सुबह एक टोल प्लाजा और कई वाहनों में आग लगा दी। यहां हजारों लोगों ने सड़कों को बंद कर दिया और कारों पर पत्थरबाजी की। शहर में छात्र एवं धार्मिक संगठन भी प्रदर्शन में शामिल हुए। सरकार ने इस्लाम विरोधी फिल्म के विरोध में सरकारी अवकाश की घोषणा की थी। सरकार आज का दिन ‘यौम ए इश्क ए रसूल’ या ‘पैगंबर प्रेम दिवस’ के रूप में मना रही है।
प्रधानमंत्री सचिवालय में आयोजित ‘पैगंबर से प्रेम करो’ सम्मेलन के दौरान अशरफ ने लोगों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की। उन्होंने साथ ही कहा कि पैगंबर का अपमान करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पवित्र पैगंबर मोहम्मद ने शांति और सौहार्द का संदेश दिया था। मैं देशवासियों से उसी भावना के साथ अपील करता हूं कि वह हिंसा से दूर रहे और शांति बनाए रखें। यह हम सबकी सामूहिक जिम्मदारी है।’ साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि मुसलमान पैगंबर मुहम्मद का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘पैगंबर साहब का अपमान डेढ़ अरब मुसलमानों के विश्वास पर चोट है। यह हमें स्वीकार नहीं है।’

अशरफ ने कहा कि इस फिल्म को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं कहा जा सकता। यह नफरत फैलाने वाली है और यह दोगलेपन को दर्शाती है। अगर नाजी नरसंहार को मान्यता देना एक अपराध है तो क्या इस्लाम के सबसे पवित्र व्यक्तित्व के अपमान को मुस्लमानों द्वारा अपराध मानना सही और विधि संगत नहीं है? उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी अगले सप्ताह न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में पाकिस्तान के लोगों की भावनाओं के बारे में बताएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि फिल्म में नफरत फैलाने वाला संबोधन है और संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को चाहिए कि वह ऐसा कानून बनाएं जो नफरत फैलाने वाले ऐसे संबोधनों पर प्रतिबंध लगा सके। ‘पैगम्बर से प्रेम’ सम्मेलन शुरू में राजनयिक इलाके के पास वहां पर होने वाला था जहां कल करीब 5000 लोगों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी।

सरकार ने सुरक्षा कारणों के चलते आधी रात को तय किया कि सम्मेलन प्रधानमंत्री के सचिवालय में होगा। इस सम्मेलन में कई धार्मिक नेता और राजनेता शामिल होंगे। गुरुवार आधी रात में प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से लाहौर, रावलपिंडी, क्वेटा और कराची सहित लगभग 15 शहरों में मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दीं जिसे लेकर लोग शिकायत कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि मोबाइल सेवाएं पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण के आदेश पर निलंबित की गईं है। यह रोक शाम छह बजे तक रहेगी ताकि कोई भी आतंकवादी गतिविधियों के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल न कर सके।

इस्लामाबाद के राजनयिक इलाके के बाहर गुरुवार को लगभग पांच हजार लोगों के प्रदर्शन के दौरान लगभग 100 प्रदर्शनकारी एवं पुलिसकर्मी घायल हो गए। इनमें से कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। लेकिन पुलिस लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का उपयोग करने के बाद भी इन प्रदर्शनकारियों को नहीं खदेड़ सकी। जब गृह मंत्रालय ने सेना के जवानों को इस्लामाबाद के राजनयिक इलाके की सुरक्षा के लिए बुलाया तब प्रदर्शनकारी वहां से हटे। प्रदर्शन में जमात ए इस्लामी की छात्र शाखा और जमात उद दावा और सिपाह ए सहाबा जैसे कट्टरपंथी समूहों के सदस्य शामिल थे। (एजेंसी)

First Published: Friday, September 21, 2012, 19:38

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