पाकिस्तान में वोटिंग कल, त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद -Amid violence, Pakistan limps towards historic elections on May 11

पाकिस्तान में वोटिंग कल, त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद

पाकिस्तान में वोटिंग कल, त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीदइस्लामाबाद : लंबे समय तक सैन्य शासन के साये में रहे और पिछले कई वर्ष से आतंकवाद एवं हिंसा का सामना कर रहे पाकिस्तान के लोग कल यानी 11 मई को अपनी अगली लोकतांत्रिक सरकार चुनने के लिए मतदान करेंगे। नेशनल एसेंबली के साथ ही पाकिस्तान के चार प्रांतों की एसेंबलियों के लिए भी मतदान होगा।

इसी साल मार्च में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेतृत्व वाली सरकार के पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 11 मई को चुनाव कराने का ऐलान हुआ था।

पाकिस्तान की तारीख में यह पहला मौका होगा जब चुनाव के जरिए सत्ता का हस्तांतरण एक लोकतांत्रिक सरकार से दूसरी लोकतांत्रिक सरकार के हाथों में होगा। 11 मई को मतदान खत्म होने के बाद ही मतगणना शुरू हो जाएगी और सभी नतीजे आने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग जाता है।

पाकिस्तानी संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं, लेकिन यहां के संविधान के मुताबिक 272 सीटों पर ही प्रत्यक्ष चुनाव होता है और 60 सीटें महिलाओं तथा 10 सीटें अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित होती हैं। प्रत्यक्ष चुनाव से मिली सीटों के अनुपात में ही विभिन्न दलों को ये आरक्षित 70 सीटें आवंटित कर दी जाती हैं। सरकार बनाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल या गठबंधन को कम से कम 172 सीटें हासिल करना जरूरी है।

इस बार के चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और भुट्टो परिवार की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) तथा क्रिकेट के मैदान से सियासत के मैदान में उतरे इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है।

इन प्रमुख दलों के अलावा पीएमएल-क्यू, जमात-ए-इस्लामी और अवामी नेशनल पार्टी सरीखे दल भी अपनी ताकत को मजबूत करने के प्रयास में हैं।

पाकिस्तान में पिछला आम चुनाव 18 फरवरी, 2008 को हुआ था। उस समय पीपीपी को 121 सीटें और 35.3 फीसदी मत हासिल हुए थे। दिसंबर, 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद सहानुभूति के माहौल में पार्टी ने जीत दर्ज की थी और उसके नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी। पिछली बार पीएमएल-एन को 91 सीटें और 26.6 फीसदी मत मिले थे। इमरान की पार्टी ने पिछले चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था। इस बार भ्रष्टाचार, आतंकवाद और जातीय हिंसा कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो पीपीपी की राह में रोड़ा बन सकते हैं। वैसे इस बार के चुनावों से कश्मीर मुद्दा नदारद है।

इन चुनावों में इमरान खान की पार्टी भी लोगों के बीच खासी लोकप्रिय नजर आ रही है और माना जा रहा है कि वह पीपीपी और पीएमएल-एन को कड़ी टक्कर देगी। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में भी तहरीक-ए-इंसाफ की ताकत में बेतहाशा बढ़ोतरी बताई जा रही है।

भुट्टो परिवार के नेतृत्व में पीपीपी का सबसे अधिक जनाधार सिंध प्रांत में हैं तो नवाज शरीफ की पीएमएल-एन पंजाब प्रांत में अधिक मजबूत है। इमरान खान की पार्टी ने पंजाब और खबर पख्तूनख्वाह में बड़ी तेजी से अपना आधार बनाया है।

बीते गुरूवार को एक चुनावी सभा में गिरने से घायल हुए इमरान खान की सभाओं में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित हुए हैं और इसी को लेकर सियासी जानकार इस बार उनके बड़ी सियासी ताकत बनने की अटकलें लगा रहे हैं।

पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गयी है और ऐसे में उनकी पार्टी आल पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

नेशनल एसेंबली की सबसे अधिक सीटें पंजाब प्रांत में हैं। पंजाब में 183 सीटें हैं जिनमें से 148 पर प्रत्यक्ष चुनाव होता है और 35 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। सिंध प्रांत में 75 सीटें हैं जिनमें से 61 पर प्रत्यक्ष चुनाव होता है और 14 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। खबर पख्तूनख्वाह में नेशनल एसेंबली की 43 सीटें हैं। इनमें से 35 पर प्रत्यक्ष चुनाव होता है और आठ सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। बलूचिस्तान में कुल 17 सीटें हैं जिनमें से 14 पर प्रत्यक्ष चुनाव होता है और तीन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। फाटा में 12 और संघीय राजधानी में दो सदस्य नेशनल एबली के लिए चुने जाते हैं। पूरे देश में 10 सीटें अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं।

पाकिस्तान में कुल 8 करोड़, 61 लाख से अधिक मतदाता नेशनल और प्रांतीय एसेंबलियों के 1000 से अधिक सदस्यों का चुनाव करेंगे।

नेशनल एसेंबली के साथ ही पंजाब, सिंध, खबर पख्तूनख्वाह और बलूचिस्तान प्रांतों की एसेंबलियों के लिए भी चुनाव होगा।पंजाब में प्रांतीय एसेंबली की 371, सिंध में 168, खबर पख्तूनख्वाह में 124 और बलूचिस्तान में 65 सीटें हैं। (एजेंसी)






First Published: Friday, May 10, 2013, 10:22

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