Last Updated: Monday, December 19, 2011, 08:21
वाशिंगटन : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि तालिबान के साथ उनकी सरकार की वार्ता में पाकिस्तान की एक अहम भूमिका है ऐसा इसलिए क्योंकि आतंकी समूह का संचालन वहीं से होता है।
करजई ने ‘सीएनएन’ से कहा, ‘उसका संचालन वहां से होता है और एक अर्थपूर्ण शांतिप्रक्रिया वार्ता या संतोषजनक परिणाम बिना पाकिस्तानी की भागीदारी और सहायता के नहीं हो सकती है।’ करजई ने हालांकि कहा कि वह तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकते जब तक कि आतंकी प्रमाणित अधिकृत प्रतिनिधि नहीं भेजते हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति और शांति वार्ताकार बुरहानुद्दीन रब्बानी की हत्या शांति प्रक्रिया के लिए बड़ा धक्का साबित हुआ। उन्होंने कहा कि शांति के लिए तालिबान के साथ कोशिशें जारी थी ,लेकिन रब्बानी की हत्या देश के लिए एक झटका था जिसके बाद हमने महसूस किया कि हम जिससे बात कर रहे हैं वह दरअसल कोई है ही नहीं । जो शांति वार्ता के लिए आ रहे थे वे वास्तव में हत्यारे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के लिए पाकिस्तान का सुन्नी समूह लश्कर-ए-झांगवी जिम्मेदार रहा है, जिसमें करीब 100 लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा, ‘हमारा मतलब लश्कर-ए-झांगवी है। अगर लश्कर-ए-झांगवी है तो यह पाकिस्तान की जवाबदेही है और इसे रोकें इसके लिए हम सब एक साथ हैं।’
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 19, 2011, 15:31