पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को मिलीं असीम शक्तियां

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को मिलीं असीम शक्तियां

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को मिलीं असीम शक्तियांइस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने देश की खुफिया एजेंसियों को निगरानी करने, फोन टैपिंग करने और ईमेल में सेंध लगा कर जानकारियां जुटाने की असीम शक्तियां देने वाले एक विवादास्पद विधेयक पर हस्ताक्षर कर उसे कानून का रूप दे दिया है।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि जरदारी ने राष्ट्रपति आवास में ‘निष्पक्ष सुनवाई के लिए जांच विधेयक 2013’ पर हस्ताक्षर किया। देश की निचली सदन नेशनल असेंबली ने 20 दिसंबर को इस विधेयक को पारित किया था और उपरी सदन सीनेट ने इसे एक फरवरी को पारित किया था।

एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि विधेयक के उद्देश्यों के मुताबिक यह अपराधों से प्रभावी तरीकों से निपटने एवं उन्हें टालने के लिए आधुनिक तकनीकों और उपकरणों के जरिए साक्ष्य जुटाने के अलावा कानून प्रवर्तन एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों की शक्तियों का इस्तेमाल करने का अधिकार देता है।

हालांकि, मानवाधिकार संगठनों ने इस विधेयक की आलोचना की है और इसे निजता और नागरिक स्वतंत्रता के लिए खतरा पैदा करने वाला बताया है। अधिकारियों ने बताया कि यह सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के तहत गुप्त रूप से फोन कॉल सुनने, ईमेल की निगरानी करने और एसएमस और संचार के अन्य माध्यमों से जानकारियां जुटाने की शक्तियां प्रदान करेगा।

विधि मंत्री फारूक नायक ने कहा कि नये कानून के लागू हो जाने से सभी कानून प्रवर्तन एवं खुफिया एजेंसियां साक्ष्य जुटाने के लिए एकल विधिक प्रणाली से संचालित होंगी। ये साक्ष्य अदालत में स्वीकार्य होंगे। नेशनल असेंबली में इस विषय पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने सदन को भरोसा दिलाया था कि यह कानून आम नागरिकों को लक्षित नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, February 21, 2013, 16:39

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