Last Updated: Tuesday, May 22, 2012, 09:21
इस्लामाबाद : कराची स्थित पाकिस्तान के महत्वपूर्ण नौसेना हवाईअड्डे पर पिछले वर्ष हुए तालिबान हमले के मामले में कोर्ट मार्शल में दोषी पाए जाने के बाद तीन अधिकारियों को सजा दी गई है।
इन हमलों में अड्डे को काफी क्षति पहुंची थी और अमेरिका निर्मित दो सर्विलांस विमान नष्ट हो गए थे।
नौसेना की मीडिया शाखा ने इस बात की पुष्टि की है कि तीन अधिकारियों पर नौसेना नियमों के अनुसार सुनवायी हुई और उन्हें सजा दी गई। उसने अधिकारियों की पहचान के बारे में कुछ नहीं बताया और उन्हें मिली सजा के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी।
मीडिया में आई खबरों में लेकिन बताया गया है कि जिन तीन अधिकारियों को सजा मिली है वे हैं। 22 मई को हमले के दिन मेहरान नौसेना हवाईअड्डे के कमांडर रजा ताहिर, हवाईअड्डे के सुरक्षा अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर इबरार उल-हसन और कैप्टन मोहम्मद इसरार। मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक ताहिर की वरिष्ठता को एक वर्ष और अन्य दो अधिकारियों की वरिष्ठता को छह-छह माह के लिए घटा दिया गया है।
रियर एडमिरल तेहसिनुल्ला खान के नेतृत्व में एक बोर्ड ऑफ इंक्वायरी ने मेहरान हवाईअड्डे पर हुए आतंकवादी हमलों की जांच की थी। इस हमले में 10 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे और दो ‘पी3सी ओरियोन’ समुद्री सर्विलांस विमान नष्ट हो गए थे। करीब 16 घंटे के इस पूरे घटनाक्रम में चार आतंकवादी मारे गए, जिसमें कुछ को सुरक्षा बलों में मार गिराया और कुछ ने स्वयं को विस्फोट से उड़ा लिया।
बोर्ड ऑफ इंक्वायरी ने इस मामले में तत्कालीन नौसेना प्रमुख एडमिरल नोमान बशीर को अपनी सिफारिश सौंपी थी जिसके आधार पर उन्होंने कोर्ट मार्शल की कार्यवाही शुरू करने अनुमति दी। इस मामले में नौसेना का कोई भी अधिकारी अपराध में लिप्त नहीं पाया गया था। हमले के तुरंत बाद आयी खबरों में यह आशंका जताई गई थी कि आतंकवादियों को हमले के लिए आंतरिक सहयोग हासिल था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 22, 2012, 14:51