पाकिस्तानी मदरसे पर अमेरिका का प्रतिबंध

पाकिस्तानी मदरसे पर अमेरिका का प्रतिबंध

इस्लामाबाद/वाशिंगटन : लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा के लिए बम बनाने वालों और आत्मघाती हमलावरों के प्रशिक्षण के लिए प्रयुक्त होने वाले एक पाकिस्तानी मदरसे पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है। पहली बार किसी मदरसे (शिक्षण संस्थान) के खिलाफ ऐसा कदम उठाया गया है।

पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित ‘गंज मदरसा’ पहला शिक्षण संस्थान है जिसे अमेरिका ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है। इस मदरसे का आधिकारिक नाम ‘जामिया तालीम-उल-कुरान-वल-हदीथ मदरसा’ है। यह प्रतिबंध किसी भी अमेरिकी को मदरसे के साथ किसी भी प्रकार का व्यावसायिक संबंध रखने से प्रतिबंधित करता है।

अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा कि गंज मदरसा का इस्तेमाल अलकायदा, तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा के लिए आतंकवादियों की भर्ती करने तथा उन्हें प्रशिक्षित करने में हो रहा है। लश्कर-ए-तैयबा मुंबई में वर्ष 2008 में हुए हमले के लिए जिम्मेदार है। इन हमलों में 166 लोगों की जान गई थी।

अमेरिकी वित्त विभाग का कहना है कि धार्मिक शिक्षा की आड़ में मदरसे में तीन प्रतिबंधित समूहों के लिए छात्रों को बम बनाने और आत्मघाती हमलावर बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह मदरसा इन आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद भी मुहैया करा रहा है। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने इस बात की पुष्टि की है कि मदरसे पर अमेरिकी प्रतिबंध लग गया है।

अमेरिकी वित्त विभाग ने एक बयान में कहा, गंज मदरसा में चल रही गतिविधियां इस बात का उदाहरण हैं कि किस प्रकार अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठन वैध संस्थानों, जैसे कि धार्मिक शिक्षण संस्थानों का उपयोग कर रहे हैं, और शिक्षा के नाम पर मिलने वाले दान का उपयोग हिंसक गतिविधियों में कर रहे हैं। इस संस्थान का प्रमुख फजील-ए-तुज शेख अबू मोहम्मद अमीन अल पेशावरी उर्फ शेख अमीनुल्ला 2009 से संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में शामिल है। साल 2013 की शुरूआत तक अमीनुल्ला गंज मदरसा में लश्कर के लिए रंगरूट भर्ती कर रहा था और 2012 के आखिर में उसने यहां अलकायदा के आतंकियों को रखा था ।

‘गंज मदरसा’ के प्रशासक हाजी आलम शेर ने अमेरिकी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, हम एक धार्मिक स्कूल हैं जो बच्चों को इस्लाम की शिक्षा देता है और अमेरिकी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा, यह मदरसा छोटा है और हमारे पास जगह भी नहीं है । इसलिए यदि हम कोशिश करें तब भी आतंकवादियों को प्रशिक्षण नहीं दे सकते हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 21, 2013, 23:14

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