Last Updated: Monday, December 19, 2011, 03:19
इस्लामाबाद : दिल की बीमारी के इलाज के लिए अचानक देश छोड़कर दुबई गए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी रविवार रात पाकिस्तान लौट आए। इसके साथ ही तख्तापलट की अफवाहों पर विराम लग गया है। जरदारी सोमवार को काम पर लौट आए।
उन्होंने सोमवार तड़के कराची स्थित पाकिस्तान वायुसेना के प्रतिष्ठान में पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद सत्तारूढ़ दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेताओं के साथ बैठकें कीं। जरदारी ने अपने कराची स्थित निवास स्थान बिलावल हाउस में सिंध के गवर्नर इशरत-उल-इबाद खान, एमक्यूएम के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री कायम अली शाह से मुलाकात की।
नेताओं ने राष्ट्रपति का हालचाल जानने के लिए उनसे मुलाकात की। जरदारी ने अपनी अनुपस्थिति में राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाल रहे सीनेट के अध्यक्ष फारूक नाईक से भी मुलाकात की। सरकारी टेलीविजन चैनल ने बैठकों की फुटेज का प्रसारण किया जिसमें जरदारी सामान्य और मुस्कराते नजर आए। 56 वर्षीय जरदारी के छह दिसंबर को अचानक दुबई चले जाने के बाद अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं कि वह मेमोगेट कांड के बाद सेना के दबाव में आकर अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
इसके साथ ही उनके स्वास्थ्य और सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सरकार के भविष्य को लेकर लगाई जा रहीं तमाम तरह की अटकलों पर विराम लग गया है । 56 वर्षीय राष्ट्रपति भारी सुरक्षा के बीच एक विशेष उड़ान से बंदरगाह शहर कराची पहुंचे ।
इससे पहले पाकिस्तान के प्रमुख समाचार चैनल जियो न्यूज चैनल ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि जरदारी को चिकित्सकों ने स्वस्थ घोषित कर दिया है और उन्हें कहा गया है कि वह अपने सामान्य काम काज फिर से कर सकते हैं।
एक न्यूज के हवाले से बताया गया है कि दुबई में इलाज के लिए करीब दो सप्ताह का समय बिताने के बाद 56 वर्षीय जरदारी कराची लौट आए हैं। जरदारी के अचानक देश छोड़कर चले जाने से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। इसके बाद प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की ओर से अमेरिकी सीनेट में दिए गए संबोधन ने और भी संशय की स्थिति पैदा कर दी थी। गिलानी ने कहा था कि बीमार जरदारी को पाकिस्तान के अस्पतालों में जान का खतरा था।
जरदारी के कराची स्थित आधिकारिक आवास बिलावल हाउस के प्रवक्ता एजाज दुर्रानी ने कहा है कि राष्ट्रपति पूरी तरह स्वस्थ हैं और वह सोमवार से राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेंगे व पार्टी नेताओं से मिलेंगे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक दुर्रानी ने कहा कि जरदारी कराची में कुछ दिन बिताने के बाद इस्लामाबाद पहुंचेंगे। वह एक विशेष विमान से कराची स्थित पाकिस्तानी वायु सेना के हवाई ठिकाने पर पहुंचे।
शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया था कि वह दिल की बीमारी के इलाज के लिए छह दिसंबर को पाकिस्तान से बाहर गए। दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना के चिकित्सकों ने उन्हें पूरी तरह स्वस्थ घोषित किया था। एक अमेरिकी पत्रिका ने उन्हें दिल का दौरा पड़ने की बात कही थी।
बाद में कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि उन्हें मस्तिष्काघात हुआ है। इस वजह से उनके दिमाग में रक्तस्राव हुआ है और उनके चेहरे को लकवा मार गया है। इसके अलावा सैन्य तख्तापलट की भी अफवाह थी।
गौरतलब है कि जरदारी छह दिसंबर को इलाज के लिए अचानक दुबई चले गए थे, जिसके चलते ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्होंने अमेरिकी सेना को एक गोपनीय पत्र भेजे जाने के मद्देनजर देश की सेना द्वारा इस्तीफे के लिए दबाव डाले जाने पर ऐसा किया होगा।
इसी साल मई में अमेरिकी अभियान में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद पाकिस्तान की असैन्य सरकार ने कथित तौर पर अमेरिकी प्रशासन को एक ज्ञापन भेजा था, जिसमें सेना की ओर से तख्तापलट किए जाने की आशंका के मद्देनजर अमेरिका से मदद मांगी गई थी। इसे मेमोगेट विवाद नाम दिया गया और इसने पाकिस्तान की राजनीति में सियासी भूचाल पैदा कर दिया था।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 19, 2011, 22:49