Last Updated: Thursday, March 28, 2013, 15:19

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को अदालती अवमानना का नोटिस जारी किया है।
यहां की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने खिलाफ लगे रिश्वत के आरोप की जांच के लिए आयोग के गठन की मांग करके अदालत को प्रभावित करने का प्रयास किया था।
प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अशरफ को आदेश दिया कि वह दो सप्ताह के भीतर अदालत के समक्ष उपस्थित हों।
चौधरी ने कहा कि अशरफ ने बिजली परियोजनाओं से जुड़े कथित घोटाले की जांच को लेकर आयोग गठित करने के लिए पत्र लिखकर अदालत को प्रभावित करने का प्रयास किया था।
उन्होंने कहा कि अशरफ ने पहले ही इस मामले में अदालत के फैसले को स्वीकार कर लिया था और ऐसे में अदालती आदेश की फिर से जांच करने और आयोग गठित करने की कोई जरूरत नहीं थी। चौधरी ने कहा कि सरकार ने भी इस मामले में अपनी पुनर्विचार याचिका को वापस ले लिया है।
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आयोग गठित करने के लिए अशरफ का अदालत का रुख करने का फैसला प्रक्रिया को पूरी किए बिना अदालत से तरफदारी की मांग करने की तरह था। आदेश में कहा गया है कि अशरफ इसका स्पष्टीकरण दें कि उनके खिलाफ अदालती अवमानना का मामला क्यों नहीं शुरू किया जाए।
पीठ ने अशरफ के वकील वसीम सज्जाद को आदेश दिया कि वह अपने मुवक्किल से यह विचार-विमर्श करें कि क्या वह प्रधानमंत्री के तौर पर लिखे पत्र को वापस लेंगे।
सज्जाद ने कहा कि अशरफ ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के कार्यालय के जरिए पत्र भेजा था और उनका मकसद अदालत को प्रभावित करने का नहीं था।
इससे पहले, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की ओर से उपस्थित महाभियोजक केके आगा ने पीठ से कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच को किसी संस्था को सौंप सकता है। अदालती अवमानना का दोषी करार दिए जाने पर अशरफ 11 मई को होने वाले चुनाव में खड़े नहीं हो पाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 28, 2013, 15:19