Last Updated: Monday, March 26, 2012, 10:20
इस्लामाबाद: संकट में घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवमानना मामले में उनके खिलाफ प्रतिकूल फैसला दिये जाने पर पद छोड़ने का निर्णय किया है। गिलानी पर राष्ट्रपति के खिलाफ रिश्वत के मामलों को फिर से खोले जाने की अनुमति देने का काफी दबाव है।
समाचार पत्र डेली टाइम्स ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सूत्रों के हवाले से कहा है कि गिलानी ने पीपीपी के नेतृत्व तथा सत्तारूढ़ गठबंधन में अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय किया है।
पीपीपी नेतृत्व ने फैसला किया है कि अगर अवमानना मामले में कोई विपरीत स्थिति आती है तो वह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना इस्तीफा देंगे। प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को छूट के मामले में सरकार के संवैघानिक रूख से अदालत को अवगत कराएंगे।
गिलानी ने पीपीपी के शीर्ष नेतृत्व को आश्वस्त किया है कि वह पद से इस्तीफा देने के लिये तैयार हैं लेकिन वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे उनकी पार्टी तथा उसके नेताओं के प्रति निष्ठा का उल्लंघन होता हो।
रिपोर्ट के मुताबिक गिलानी ने पीपीपी नेतओं से कहा कि उनके लिये निष्ठा तथा प्रतिष्ठा बड़ी चीज है और वह संविधान की प्रतिष्ठता तथा लोकतंत्र के लिये व्यक्तिगत तौर पर शीर्ष अदालत में उपस्थित होकर अपने इस्तीफे की पेशकश करेंगे। पीपीपी सूत्रों ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने गिलानी की निष्ठा को देखते हुए संघीय मंत्रिमंडल में आगामी फेरबदल में उनके पुत्र मूसा अली गिलानी को जगह देने का निर्णय किया है। पीपीपी के सभी सहयोगी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के साथ टकराव से बचने के निर्णय पर सहमति जतायी है।
साथ ही पीपीपी के सहयोगी दलों ने इस निर्णय पर भी रजामंदी जतायी है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ कथित धन शोधन मामले को फिर से खोलने को लेकर स्विस अधिकारियों से संपर्क नहीं किया जाएगा। पार्टी का मानना है कि कि यह संविधान का उल्लंघन होगा।
शीर्ष अदालत पीपीपी के नेतृत्व वाली सरकार से जदारी के खिलाफ दिसंबर 2009 से मामले को फिर से खोले जाने का दबाव दे रही है। उसी समय सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय सुलह-सफाई अध्यादेश को निरस्त कर दिया था। पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने नेताओं पर लगे रिश्वत के आरोपों से छूट देने के लिये यह अध्यादेश जारी किया था।
बहरहाल, सरकार ने इस पर कदम उठाने से मना कर दिया और कहा कि संविधान राष्ट्रपति को पाकिस्तान तथा विदेशों में छूट प्रदान करता है। इससे पहले, गिलानी ने कहा था कि वह रिश्वत मामला नहीं खोले जाने को लेकर अवमानना मामले में जेल जाना पसंद करेंगे। हालांकि पीपीपी के सहयोगी दलों का सुझाव है कि सत्तारूढ़ दल को शीर्ष अदालत से टकराव से बचना चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Monday, March 26, 2012, 15:51