Last Updated: Saturday, September 3, 2011, 08:19
एजेंसी. एफबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार आतंकवादी संगठन लश्कर-ए- तैयबा पाकिस्तान में अपने लड़ाकों को ट्रनिंग दे रहा है. इसके एक शिकायत में कहा गया है कि इस ट्रनिंग में बच्चे भी शामिल हैं.
वर्जीनिया के एक संघीय अदालत में एफबीआई ने अपनी शिकायत की है कि अमेरिका में वैध स्थायी निवासी के तौर पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिक जुबैर अहमद के विभिन्न संवादों के विश्लेषण के बाद यह जाहिर होता है कि लश्कर पाकिस्तान में अपने शिविरों में लड़ाकों को प्रशिक्षण दे रहा है.
अहमद को हाल ही में लश्कर-ए-तैयबा को साजो सामान मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एफबीआई ने कहा कि आब्रजन दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि जुबैर का जन्म सियालकोट में हुआ और 19 साल की उम्र तक वह पाकिस्तान में रहा था. जांच एजेंसी ने उसके कई बातों का विश्लेषण किया जिसमें उसने माना है कि जब वह पाकिस्तान में रह रहा था तब उसने लश्कर से ट्रेनिंग ली थी. उसे मजहबी शिक्षा भी लश्कर के शिविरों में दी गई.
इसके बाद ट्रेनिंग के बारे में बताते हुए जुबैर ने एक संवाद में कहा है कि लड़ाके व्याख्यान सुनते हैं, नमाज अता करते हैं, कसरत करते हैं, गोलाबारूद की ट्रेनिंग लेते हैं. उसने आगे कहा जहां मैंने उसने ट्रेनिंग ली, वहां अब कमांडो ट्रेनिंग दी जाती है. डोरा आमा के बाद जुबैर ने लश्कर के ट्रेनिंग के अगले चरण के बारे में बताया जिसे डोरा खास कहा जाता है.
एफबीआई के अनुसार, डोरा आमा में पाठयक्रम में उसने केवल एक सप्ताह का समय लगाया क्योंकि ट्रेनिंग शिविर के एक ट्रेनर ने जुबैर से कहा कि उसकी उम्र बहुत कम है और उसे अपनी पढ़ाई जारी रखने की जरूरत है जिसके बाद ही वह डोरा खास पूरा करने आ सकता है.
विदेश मंत्रालय ने 16 अक्टूबर 2006 को इस आधार पर वीजा दिया कि उसके पिता एक अमेरिकी नागरिक के संबंधी थे. शिकायत में कहा गया है कि जुबैर को वह अपनी मां, पिता और दो छोटे भाइयों के साथ 19 फरवरी 2007 को अमेरिका आया था.
First Published: Saturday, September 3, 2011, 14:12