Last Updated: Tuesday, October 25, 2011, 06:58
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने इजरायल से अधिकृत फिलस्तीनी भूभाग में बस्तियां बसाना बंद करने को कहा है क्योंकि यहूदी देश के इस कदम के चलते ही इजरायल फिलस्तीन शांति वार्ता में बाधा आ रही है।
विदेश राज्य मंत्री ई. अहमद ने कहा कि नई दिल्ली कैदियों की अदला-बदली के लिए इजरायल और हमास के बीच हुए हालिया समझौते का स्वागत करती है और उसे उम्मीद है कि यह कदम तनाव घटाने और विश्वास पैदा करने में सहायक होगा। पश्चिम एशिया और फलस्तीन की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अहमद ने कहा कि अधिकृत फिलस्तीनी भू-भाग में बस्तियां बसाने की कार्रवाई लगातार इजरायल और फिलस्तीन के बीच सीधी बातचीत में रोड़ा बनी हुई है।
उन्होंने कहा ‘हम इजरायल से अनुरोध करते हैं कि वह वहां बस्तियां बसाना बंद कर दे। इससे बातचीत बहाल करने में मदद मिलेगी।’ अहमद ने भारत के इस रूख को दोहराया कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा शांतिपूर्ण बातचीत से ही संभव है। गत 23 सितंबर को अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और रूस के संयुक्त बयान का जिक्र करते हुए अहमद ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि बयान में दी गई समय सीमा का पालन किया जाएगा।
बयान में प्रस्ताव दिया गया था कि इजरायल और फिलस्तीन एक माह में सीधी शांति वार्ता बहाल करें ताकि वर्ष 2012 के खत्म होने से पहले कोई समझौता हो सके। इजराइल और फिलस्तीन के प्रतिनिधियों की 26 अक्टूबर को अलग से मुलाकात होने वाली है। इस बीच अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और रूस के कूटनीतिक देखेंगे कि सितंबर 2010 के आखिर से बाधित बातचीत को आगे कैसे बढ़ाया जा सकता है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 25, 2011, 15:47