बांग्लादेश: 1971 युद्ध के अपराधी को मौत सजा के विरोध में हड़ताल, एक मरा

बांग्लादेश: 1971 युद्ध के अपराधी को मौत सजा के विरोध में हड़ताल, एक मरा

ढाका : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी की 48 घंटे की हड़ताल के दौरान बांग्लादेश में हुई छिटपुट हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य जख्मी हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने जमात के एक नेता को 1971 के युद्ध अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई है जिसके विरोध में पार्टी ने देश भर में हड़ताल का आह्वान किया है।

पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हड़ताल का उल्लंघन करने के लिए नोआखाली में प्रदर्शनकारियों ने एक ऑटोरिक्शा चालक को पत्थर मारकर मार डाला। जमात के कार्यकर्ता दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन कई जगहों पर हिंसक हो गए। पुलिस ने कहा, उसके सिर पर एक पत्थर लगा और नजदीकी अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। टीवी चैनलों ने कोमिला, पश्चिमोत्तर बोगरा, नाटोर और राजशाही एवं दक्षिण-पश्चिम सातखीरा में संघर्ष के बारे में खबर दी है। प्रदर्शनकारियों के हमले में दस पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। उन्होंने 20 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

राजधानी ढाका में जमात के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को चकमा देने के लिए सत्तारूढ़ अवामी लीग का नारा ‘जॉय बांग्ला’ का उद्घोष किया लेकिन जब पुलिस का काफिला आगे बढ़ गया तो वे पार्टी का बैनर लहराने लगे। पुलिस के एक अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, पुलिस जब वापस उस जगह लौटी तो वे भाग गए। सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही पार्टी के सहायक महासचिव अब्दुल कादर मुल्ला को 1971 के युद्ध अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई थी। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, September 18, 2013, 15:42

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