बांग्लादेश ने जगजीवन राम को सम्मानित किया

बांग्लादेश ने जगजीवन राम को सम्मानित किया

ढाका: पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के मुक्ति संग्राम में अहम भूमिका के लिये बांग्लादेश ने आजादी के 41 साल बाद तत्कालीन भारतीय रक्षा मंत्री जगजीवन राम को युद्ध नायक करार दिया है ।

जगजीवन राम के सम्मान में प्रशस्ति पत्र में कहा गया है, ‘ अंतिम प्रहार के लिए बांग्लादेश और भारतीय बलों की संयुक्त कमान के सृजन में उनकी अहम भूमिका रही थी और इसी अंतिम प्रहार से जीत मिली थी। ’ वह 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान भारत के रक्षा मंत्री थे।

प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि उन्होंने बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों को प्रशिक्षण, हथियार एवं रसद की आपूर्ति कर युद्ध रणनीति में समन्वय किया और उसे मजबूती प्रदान की। लेकिन राजनीति का इतिहास उन्हें 16 दिसंबर, 1971 को संसद में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा के लिए ज्यादा याद कर सकता है।

नौ महीने के युद्ध के बाद भारत बांग्लादेश संयुक्त बलों के आगे पाकिस्तानी सैनिकों के हार मानने के कुछ ही देर बाद उन्होंने कहा था, ‘मुझे कुछ घोषणा करनी है। पश्चिमी पाकिस्तानी बलों ने बिना शर्त बांग्लादेश में आत्मसमर्पण कर दिया। ढाका अब स्वतंत्र देश की राजधानी है। ’

शनिवार को बंगबंधु इंटरनेशनल कांफ्रेंस हॉल में जगजीवन राम के नाती तथा लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे अनशुल विश्वजीत ने राष्ट्रपति जिल्लुर रहमान और प्रधानमंत्री शेख हसीना से जगजीवन राम के लिए यह सम्मान ग्रहण किया। इस अवसर पर अविजीत ने कहा, ‘मैं बहुत ही उत्साहित, सम्मानित और आभारी महसूस कर रहा है।

यह बांग्लादेश की आजादी से जगजीवन राम के संबंध की याद दिलाता है।’ पहले ही रक्षा विश्लेषक और पुराने योद्धा युद्ध के दौरान उनकी प्रबंधन क्षमता की गुणगान कर चुके हैं। पूर्वी कमान के तत्कालीन जनरल स्टाफ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) जे एफ आर जैकब ने कहा था, ‘हमारे अबतक के सबसे अच्छे रक्षा मंत्री।’ (एजेंसी)

First Published: Monday, October 22, 2012, 12:52

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