Last Updated: Monday, August 5, 2013, 23:49
ढाका : बांग्लादेश की कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी पार्टी को एक और झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली उसकी याचिका आज खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में पार्टी को अवैध घोषित कर दिया था और उसके भविष्य में चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी थी।
न्यायाधीश शमसुद्दीन चौधरी मानिक ने जमात की याचिका खारिज कर दी जिसके तहत उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी। द डेली स्टार की खबर के मुताबिक न्यायाधीश ने कहा कि स्थगन याचिका के लिए कोई ठोस आधार नहीं है और याचिकाकर्ता के वकील ने इसके समर्थन में कोई दलील नहीं पेश की।
उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग में जमात के पंजीकरण को रद्द कर दिया और देश में कभी सबसे ज्यादा मजबूत रहे दक्षिणपंथी संगठन को भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिया। दरअसल, एक रिट याचिका जारी कर कहा गया था कि इसके चार्टर ने धर्मनिरपेक्ष संविधान का उल्लंघन किया है। बांग्लादेश के तरीकात फेडरेशन के महासचिव रिजाउल हक चांदपुरी और 24 अन्य ने 25 जनवरी 2009 को यह रिट याचिका दायर की थी। तरीकात एक समूह है जो सूफी दर्शन की शिक्षा देता है और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 5, 2013, 23:49