Last Updated: Sunday, March 31, 2013, 23:32
ढाका : बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम (वर्ष 1971) के दौरान युद्ध अपराधों में शामिल कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के नेताओं के खिलाफ हो रही सुनवायी के विरोध में पूरे देश में भड़की हिंसा के बीच मानवाधिकार आयोग ने हाल में हुए हमलों से हिन्दुओं की रक्षा करने के लिए अपर्याप्त कदम उठाने पर सरकार की आलोचना की है। दूसरी ओर देश के अल्पसंख्यक समुदाय (हिन्दुओं) ने अपनी सुरक्षा की मांग की है।
बांग्लादेश के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष मिजानुर रहमान ने कल एक गोष्ठी में कहा, ‘सरकार जवाब दे कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोग असुरक्षा की भावना के साथ क्यों जी रहे हैं।’ वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान ‘मानवता के विरुद्ध अपराध’ के मामले में इस्लामी नेताओं को सजा सुनाए जाने के बाद पूरे देश में भड़की हिंसा के बीच रहमान ने यह बात कही है।
हिंसक घटनाओं के दौरान जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं ने कई हिन्दू मंदिरों और सैड़कों घरों में लूटपाट की और उन्हें आग लगा दिया। रहमान ने कहा कि लोगों का एक समूह जनता के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए धर्म का नकारात्मक उपयोग कर रहा है लेकिन ‘सरकार और राज्य को सभी धर्म के लोगों की रक्षा करने की जिम्मेदारी लेनी होगी।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 31, 2013, 23:32