Last Updated: Wednesday, June 6, 2012, 15:32

बीजिंग: भारत-पाकिस्तान के सम्बंधों पर चर्चा होगी या नहीं, इस बारे में तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन विदेश मंत्री एसएम कृष्णा यहां छह देशों के शंघाई सहयोग संगठन की चल रही शिखर बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ ग्रेट हाल ऑफ द पीपुल में स्थित `होल्डिंग रूम` में मौजूद हैं। कृष्णा इस शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए बीजिंग में हैं। भारत, ईरान, पाकिस्तान और मंगोलिया एससीओ में चार पर्यवेक्षक हैं। इस शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान को पांचवें पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया जाएगा।
भारत एससीओ के बढ़ रहे कद और आर्थिक महत्व के कारण इस समूह में शामिल होने के लिए कुछ समय से कोशिश कर रहा है।
एक पर्यवेक्षक के रूप में भारत, नेताओं की बैठक में तो हिस्सा नहीं ले पाएगा, लेकिन कृष्णा गुरुवार को पूर्ण सत्र में भाषण देंगे, जहां वह इस समूह में भारत की बड़ी भूमिका की वकालत कर सकते हैं।
पर्यवेक्षक देशों के प्रतिनिधिमंडलों के मकाऊ हाल में स्थित होल्डिंग रूम में इंतजार करने की सम्भावना है, जबकि एससीओ के सदस्य देशों के नेता अपनी शिखर बैठक में व्यस्त रहेंगे। छह सदस्यीय एससीओ पर चीन और रूस का वर्चस्व है।
थ्येयनानमन स्क्वायर के मध्य में एक विशाल टीवी स्क्रीन लगा हुआ है, जिसपर अच्छे पड़ोस और क्षेत्र में सौहार्द के संदेश प्रसारित हो रहे हैं।
कुछ मीटर की दूरी पर स्थित `गेट्र हाल ऑफ द पीपुल` में क्षेत्र का शानदार कूटनीतिक आयोजन, क्षेत्रीय एकता, सुरक्षा और सद्भाव पर भाषणों के साथ बुधवार को शुरू हुआ।
शिखर सम्मेलन को सुचारु रूप से सम्पन्न कराने के लिए चौराहे पर सैकड़ों पुलिसकर्मियों और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों को तैनात किया गया है।
एससीओ में रूस और चीन के अलावा ऊर्जा सम्पन्न मध्य एशियाई देश-कजाकस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 6, 2012, 15:32