Last Updated: Saturday, January 26, 2013, 19:26
लुंबिनी (नेपाल) : दिल्ली से शुरू हुई बौद्ध विरासत यात्रा अपने अंतिम पड़ाव में भगवान बुद्ध के जन्मस्थान लुंबिनी पहुंची।
उत्तरप्रदेश के कुशीनगर में भगवान बुद्ध की निर्वाण स्थली के बाद ओडिशा सरकार और भारतीय रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) की साझा पहल से शुरू इस यात्रा का कारवां यहां पहुंचा।
बौद्ध श्रद्धालुओं में बोधगया, कुशीनगर, सारनाथ और लुंबिनी को काफी पवित्र माना जाता है।
लुंबिनी में सिद्धार्थ गौतम का जन्म हुआ था जो बाद में बुद्ध कहलाए। नेपाल में हिमालय में अवस्थित यह जगह साल वृक्षों से घिरी है। 1997 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।
इस दौरे की शुरुआत 20 जनवरी को हुई थी जब गया के लिए महापरिनिर्वाण एक्सप्रेस को नई दिल्ली से हरी झंडी दिखाई गयी। आठ दिवसीय यात्रा पर निकले 80 से ज्यादा यात्री भारत के विभिन्न बौद्ध स्थलों पर गए। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 26, 2013, 19:26