Last Updated: Tuesday, August 20, 2013, 22:05

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक आतंकवाद-निरोधी अदालत ने वर्ष 2007 में हुई पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या और उसकी साजिश के मामले में देश के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ पर आज आरोप तय किए। मुशर्रफ सहित आठ लोगों पर हत्या, हत्या की साजिश करने और हत्या में मदद करने के आरोप लगाए गए हैं।
पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली घटना है जब किसी पूर्व सेना प्रमुख पर हत्या का आरोप तय किया गया है। 66 वर्षों के इतिहास में देश की सत्ता पर ज्यादातर वक्त सैन्य शासन रहा है। 70 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति को भारी सुरक्षा घेरे में रावलपिंडी में न्यायाधीश हबीबुर रहमान की आतंकवाद निरोधी अदालत में लाया गया। यदि वह दोषी साबित होते हैं तो उन्हें उम्रकैद या मौत की सजा मिल सकती है।
सरकारी वकील चौधरी मोहम्मद अजहर ने पुष्टि की कि न्यायाधीश रहमान ने मुशर्रफ और मामले के दो अन्य आरोपियों रावलपिंडी पुलिस के पूर्व प्रमुख सौद अजीज तथा पुलिस अधीक्षक खुर्रफ शहजाद की मौजूदगी में आरोपपत्र पढ़ा।
मुशर्रफ की पार्टी, ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग, की प्रवक्ता आशिया इश्हाक ने बताया, मुशर्रफ ने अदालत में आज इन आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि सभी आरोप ‘राजनीति से प्रभावित’ हैं और कानूनी दल उनका बचाव करना जारी रखेंगे। इसहाक ने बताया कि अदालत ने सुनवायी के लिए अगली तारीख 27 अगस्त निश्चित की है और मुशर्रफ सुनवायी का सामना करेंगे।
उन्होंने कहा, 2008 तक उनका नाम आरोपियों की सूची में नहीं था लेकिन बाद में बेनजीर द्वारा अमेरिकी पत्रकार मार्क सीगल को भेजे गए एक ईमेल के आधार पर उनका नाम सूची में शामिल कर लिया गया। उन्होंने कहा, जब अदालत ने इस ईमेल पर गौर किया तो बेनजीर द्वारा मुशर्रफ को भेजे गए एक दूसरे ईमेल पर गौर क्यों नहीं किया गया जिसमें बेनजीर ने भविष्य में उनकी हत्या होने पर तीन लोगों के दोषी होने की बात कही थी।
इसहाक भुट्टो और मुशर्रफ के बीच हुई गोपनीय बातचीत का हवाला दे रही थीं जिसमें सूचनाओं के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री ने उनकी हत्या किए जाने पर तीन लोगों का नाम पुलिस रिपोर्ट में देने की बात कही है। इन तीन नामों में पंजाब प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज इलाही का नाम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भुट्टों द्वारा जिन तीन लोगों का नाम लिया गया है उनमें से किसी को भी आरोपी नहीं बनाया गया है।
भुट्टों की हत्या के मामले में चार अन्य आरोपी हैं। हसनैन गुल, रफाकत हुसैन, शेर जमान और अब्दुल रशीद। ये चारों अदालत में मौजूद नहीं थे क्योंकि इनपर आरोप पहले ही तय हो चुके हैं। ये सभी पिछले पांच वर्षों से रावलपिंडी के अदियाला जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच कैद हैं। हत्या कांड का आठवां आरोपी एजाज शाह एक किशोर है जिसपर मुकदमा अलग बाल अदालत में चलेगा। मुशर्रफ पिछले चार महीने से घर में नजरबंद हैं।
वर्ष 2007 में रावलपिंडी में बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गयी थी तब मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे। मुशर्रफ ने बेनजीर की हत्या के लिए पाकिस्तानी तालिबान के प्रमुख बैतुल्ला महसूद को जिम्मेदार ठहराया था। महसूद ने हत्याकांड में शामिल होने की बात से इनकार किया था। 2009 में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में महसूद मारा गया।
मुशर्रफ को इस समय इस्लामाबाद के उनके फॉर्महाउस में नजरबंद रखा गया है। इस घर को एक ‘उपकारागार’ घोषित किया गया है। आम चुनावों में शामिल होने के लिए मुशर्रफ आत्म निवार्सन से मार्च में पाकिस्तान लौटे थे जिसके कुछ ही समय बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही पाकिस्तान की एक अदालत ने आगे पूरी जिंदगी के लिए उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। पूर्व राष्ट्रपति कई दूसरे मामलों में भी आरोपों का सामना कर रहे हैं । इनमें 2006 में एक सैन्य अभियान में बलूच नेता अकबर बुगती की हत्या और वर्ष 2007 में असंवैधानिक कदम उठाते हुए आपातकाल लगाने एवं न्यायाधीशों को हटाने के मामले शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 20, 2013, 22:05