Last Updated: Tuesday, September 4, 2012, 20:19

इस्लामाबाद : विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा के इस्लामाबाद दौरे से पहले पाकिस्तान ने मंगलवार को कहा कि उसने ‘महत्वपूर्ण पड़ोसी’ भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने और जम्मू-कश्मीर समेत सभी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने के लिए ‘उत्साही और अभूतपूर्व’ कदम उठाए हैं।
पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा, बतौर लोकतांत्रिक सरकार हमने उत्साही और अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं। भारत को सर्वाधिक तरजीही देश का दर्जा देने की पाकिस्तान की घोषणा ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया को नई गति दी है।
उन्होंने कहा, इस प्रक्रिया को बेहतर संबंध विकसित करना चाहिए और हमारा मानना है कि एक बेहतर और मजबूत संबंध ही सभी द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने की ओर कदम बढ़ाएगा। इसी से सबसे महत्वपूर्ण जम्मू-कश्मीर के मुद्दे का भी हल निकलेगा।
पाकिस्तान के लिए भारत को ‘महत्वपूर्ण पड़ोसी’ बताते हुए खार ने बर्लिन में ‘जर्मन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेसंश’ में कहा कि दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की इस्लामाबाद की वर्तमान सरकार की कोशिशों को इतिहास याद रखेगा।
खार ने यह भी कहा कि कश्मीर मुद्दे के एकमात्र हल की विवेचना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में की गई है। उन्होंने कहा कि आत्म-निर्णय के कश्मीरियों का अधिकार ‘50 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय राजनीति की मानी हुई नीति है।
इस्लामाबाद में कृष्णा और खार के बीच भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा बैठक से चार दिन पहले खार ने यह प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कृष्णा और खार के बीच आठ सितंबर को वार्ता होनी है। इससे पहले सात सितंबर को दोनों देशों के विदेश सचिवों की वार्ता होगी।
दोनों देशों के विदेश मंत्री ‘भारत-पाकिस्तान संयुक्त आयोग’ की बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे।
आयोग ने 16 वर्षों के अंतराल के बाद वर्ष 2005 से फिर काम करना शुरू किया। वर्ष 2006 और 2007 में इसकी बैठकें हुई थीं। वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों के बाद दो वर्ष के अंतराल के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया पिछले वर्ष ही शुरू हुई है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 4, 2012, 19:31