Last Updated: Wednesday, November 30, 2011, 08:20

वाशिंगटन : अमेरिका ने पाकिस्तान से अफगानिस्तान मुद्दे पर जर्मनी के बॉन में अगले सप्ताह आयोजित बैठक का बहिष्कार करने के निर्णय पर उसे यह कहते हुए पुनर्विचार करने का अनुरोध किया कि युद्धप्रभावित इस देश के भविष्य के लिए उसकी हिस्सेदारी बहुत महत्वपूर्ण है।
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान के निर्णय पर अफसोस जताते हुए आशा जताई कि वह अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करने के साथ ही जर्मनी में आयोजित बैठक में हिस्सा लेने के लिए ‘आगे का कदम’ उठाएगा। पांच दिसंबर को आयोजित होने वाले इस महत्वपूर्ण बैठक में 85 देश और 15 अंतरराष्ट्रीय संगठन हिस्सा लेंगे। उन्होंने दक्षिण कोरिया में एक सहायता सम्मेलन में बोलते हुए अमेरिका का पक्ष दोहराया कि अफगानिस्तान सीमा से लगे क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों का मारा जाना एक ‘दुखद घटना’ थी।
उन्होंने साथ ही इस घटना की त्वरित एवं अच्छी तरह से जांच का वादा भी किया। हिलेरी ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि स्पष्ट रूप से यह अफसोस की बात है कि पाकिस्तान ने बॉन में आयोजित इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया है क्योंकि इस सम्मेलन के आयोजन का कार्यक्रम बहुत पहले बनाया गया था।
हिलेरी ने कहा कि अमेरिका जैसे ही पाकिस्तान का भी सुरक्षित, स्थिर और तेजी से लोकतांत्रिक देश के रूप में तब्दील होने वाले अफगानिस्तान में गहरा हित है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगती सीमा से लगे क्षेत्र में नाटो के हवाई हमले में अपने 24 सैनिकों के मारे जाने के विरोध में अपने निर्णय की घोषणा कल की थी। पाकिस्तानी सेना ने इस घटना को ‘जानबूझकर उठाया गया आक्रामक कदम’ करार दिया था।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि निस्संदेह हम पाकिस्तान से इस सम्मेलन में हिस्सा लेने का अनुरोध करते हैं। यह अफगानिस्तान के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि निश्चित रूप से पाकिस्तान अफगानिस्तान के भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और हम उनसे इस सम्मेलन में हिस्सा लेने का अनुरोध करते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी व्हाइट हाउस के इस रुख का समर्थन किया।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 30, 2011, 13:50