Last Updated: Tuesday, March 26, 2013, 10:22
डरबन: डरबन में 26-27 मार्च को होने वाले पांचवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चार ठोस प्रस्तावों पर सहमति बनने की उम्मीद की जा रही है, जो ब्रिक्स से जुड़े पांचों विकासशील देशों को विश्व में नए स्तर पर पहुंचाने में मददगार साबित होगी। यह जानकारी भारतीय अधिकारियों ने दी। दक्षिण अफ्रीका में पहली बार आयोजित होने वाले इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोमवार को डरबन पहुंचे, जहां वह ब्राजील, रूस, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका के नेताओं के साथ सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
शिखर सम्मेलन में जिन चार प्रस्तावों पर सहमति बनने की उम्मीद की जा रही है, आइए उस पर नजर डालते हैं :
ई थेकवीनी घोषणापत्र : इसके अंतर्गत सभी देशों के लिए भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। ब्रिक्स व्यापारिक परिषद की स्थापना : इस मुद्दे पर बुधवार को पांचों राष्ट्रों के नेताओं के बीच नाश्ते की बैठक के दौरान चर्चा होगी। पांचों देशों से एक-एक सदस्य वाली पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की स्थापना : इस प्रस्ताव के अंतर्गत भारत पर्यवेक्षक शोध संगठन की भूमिका भी अदा कर सकता है।
दक्षिण अफ्रीका के बुनियादी विकास के लिए ब्रिक्स बहुपक्षीय सह-वित्तपोषण समझौता तथा सतत विकास के लिए ब्रिक्स बहुपक्षीय सहयोग एवं सह-वित्तपोषण समझौता : इन दोनों समझौतों के अंतर्गत भारत का प्रतिनिधित्व एग्जिम बैंक करेगा। सम्मेलन के लिए जाने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ब्रिक्स के अन्य देशों के नेताओं के साथ वैश्विक विकास, व्यापक आर्थिक स्थिरता तथा निवेश को बढ़ाने से संबंधित समझौते होने की आशा करते हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 26, 2013, 10:22