ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का निधन

ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का निधन

ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का निधनलंदन : ‘लौह महिला’ के नाम से विख्यात ब्रिटेन की पहली और इकलौती महिला प्रधानमंत्री रहीं मार्गरेट थचर का सोमवार को निधन हो गया । वह 87 साल की थीं।

पिछली सदी की सबसे असरदार शख्सियतों में शुमार थचर बेबाक और ठोस विचारों के लिए जानी जाती थीं। मुक्त बाजार आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में अहम योगदान देने वाली थचर के परिवार में उनके जुड़वा बच्चे कैरोल और मार्क थचर हैं।

थचर के प्रवक्ता लॉर्ड बेल ने बताया कि मार्क और कैरोल थचर ने अपनी मां बैरोनेस थचर के निधन का दुखद समाचार आज सुबह सुनाया । वह 1979 से 1990 तक कंजरवेटिव पार्टी की सरकार में प्रधानमंत्री रहीं। मार्गरेट थचर का जन्म मार्गरेट रॉबर्ट्स के रूप में हुआ था। वह 1959 में उत्तरी लंदन के फिनशले से सांसद बनीं और 1992 तक वह संसद की सदस्य रहीं।

उन्होंने 1975 में पार्टी का नेतृत्व संभालने को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री एडवर्ड हीथ को चुनौती दीं और सफल रहीं।

उनके नेतृत्व में कंजरवेटिव पार्टी 1979, 1983 और 1987 के आम चुनावों में विजयी रही। वह ब्रिटेन की पहली और इकलौती महिला प्रधानमंत्री रहीं। उनका कार्यकाल भी सबसे लंबा रहा।

स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार माना जा रहा है कि वह अपनी मौत के आखिरी दिनों में रिट्ज होटल में चली गई थीं ।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि मुझे लेडी थैचर के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। हमने एक महान नेत्री को खो दिया है। वह एक महान प्रधानमंत्री और ब्रिटेन की महान नागरिक थीं। बकिंघम पैलेस ने कहा है कि महारानी इस समाचार को सुनकर दुखी हैं और वह उनके परिवार के प्रति सहानुभूति जताने वाला एक निजी संदेश भेजेंगी।

थैचर की विरासत का असर कंजरवेटिव और लेबर दोनों की नीतियां पर पड़ा। 11 साल के कार्यकाल उनके दृढ़ और कभी कभी टकराव वाले रुख के कारण निर्णायक साबित हुआ।

उन्होंने साल 1976 में सोवियत संघ की नीतियों की आलोचना करते हुए जो भाषण दिया, उस कारण एक रूसी अखबार ने उन्हें ‘लौह महिला’ करार दिया।

शीत युद्ध के समय वह तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के लिए महत्वपूर्ण साझेदार साबित हुईं। सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचोव के नेतृत्व में उदारवादियों के दबाव के चलते बाद में सोवियत संघ का विघटन हो गया।

उनकी सरकार ने कई सरकारी औद्योगिकी इकाइयों का निजीकरण किया। साल 1982 में फाकलैंड आईलैंड को लेकर अर्जेंटीना के साथ हुए युद्ध के समय भी वह ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 8, 2013, 17:44

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