Last Updated: Monday, July 9, 2012, 21:52
लंदन : ब्रिटेन ने भारत तथा अन्य गैर यूरोपीय संघ के छात्र वीजा आवेदकों के लिए लक्षित साक्षात्कार प्रणाली की घोषणा की है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वास्तविक छात्रों को ही वीजा मिल सके और गलत जानकारी देकर देश में आने का प्रयास करने वालों को रोका जा सके।
नयी व्यवस्था के तहत अगर आव्रजन अधिकारियों को आवेदकों की वास्तविकता को लेकर कोई संदेह होगा तो वीजा जारी नहीं किया जाएगा। नयी व्यवस्था भारत, पाकिस्तान और 11 अन्य देशों में प्रायोगिक तौर पर शुरू की गयी एक योजना के बाद लागू की जा रही है। प्रायोगिक योजना में यह बात सामने आयी कि कई आवेदक बिना दुभाषिए के अंग्रेजी में मूल सवालों का भी जवाब नहीं दे सके। हालांकि उन्होंने अपने आवदेन में दावा किया था कि वे ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में पढ़ने की योग्यता रखते हैं।
प्रायोगिक योजना में दिसंबर 2011 से फरवरी 2012 के बीच 2300 से ज्यादा आवेदकों के साक्षात्कार लिए गए। इसमें खुलासा हुआ कि अगर साक्षात्कार होता तो म्यामां के करीब आधे आवेदकों (45 प्रतिशत) को वीजा जारी नहीं किया जाता। भारत के लिए यह आंकड़ा 29 प्रतिशत था जबकि बांग्लादेश के लिए 38 प्रतिशत।
आव्रजन मंत्री डेमियन ग्रीन ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था के तहत यूके बोर्डर एजेंसी के अधिकारी छात्र की विश्वसनीयता पर गंभीर संदेह होने के बावजूद कुछ आवेदनों को इंकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हम व्यवस्था को सख्त बना रहे हैं ताकि देश के बेहतरीन शिक्षा क्षेत्र से वास्तविक छात्रों को ही फायदा मिल सके।
उन्होंने कह कि ब्रिटेन में व्यापार के लिए और प्रतिभाशाली लोगों के आने पर कोई रोक नहीं है लेकिन यह संदेश साफ है कि अगर आप अपने आवेदन में गलत जानकारी देते हैं या ब्रिटेन आने का असली मकसद छुपाते हैं तो आपको वीजा नहीं दिया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 9, 2012, 21:52