Last Updated: Tuesday, August 30, 2011, 10:15
काठमांडू : नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने देश की तमाम चुनौतियों के बीच सोमवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. राष्ट्रपति राम बरन यादव ने एक समारोह में उन्हें शपथ दिलाई.
माओवादी नेता बाबूराम भट्टराई को रविवार को नेपाल का नया प्रधानमंत्री चुना गया था. भट्टराई की इस जीत में मधेसी गठबंधन ने काफी अहम भूमिका निभाई. भट्टराई को माओवादी पार्टी का उदारवादी चेहरा माना जाता है. वोटिंग में उन्होंने नेपाली कांग्रेस के रामचंद पौडेल को हराया. भट्टराई को 340 वोट मिले, वहीं पौडेल केवल 235 वोट ही जुटा सके.
भट्टराई ने नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से पीएचडी की है. संविधान सभा में चौथी सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट (यूडीएमएफ) ने भट्टराई का समर्थन करने का फैसला किया. ज्यादातर छोटी पार्टियों ने भी भट्टराई का समर्थन किया. भट्टराई ने 2008 में हुए संविधान सभा के चुनाव में गोरखा के निर्वाचन क्षेत्र संख्या 2 से जीत हासिल की थी.
माओवादी अध्यक्ष प्रचंड के नेतृत्व में 2008 में बनी सरकार में भट्टराई उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री थे. 601 सदस्यीय संविधान सभा में किसी भी पार्टी का बहुमत नहीं है. यूसीपीएन-माओवादी 236 सीटों के साथ संविधान सभा में सबसे बड़ी पार्टी है. 114 सदस्यों के साथ नेपाली कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है जबकि सीपीएन-यूएमएल के 107 सदस्य हैं.
सीपीएन-यूएमएल ने नेपाली कांग्रेस उम्मीदवार पौडेल का समर्थन करने का फैसला किया था। संसद को राष्ट्रपति रामबरन यादव ने निर्देश दिया था कि वह बहुमत के आधार पर नए प्रधानमंत्री को निर्वाचित करे. यह निर्देश तब दिया गया जब पार्टियां राष्ट्रीय सरकार का नेतृत्व करने के लिए आम सहमति से उम्मीदवार नामित करने में विफल रहीं.
First Published: Tuesday, August 30, 2011, 16:33